विवादित IPS लिपि सिंह की गिरफ्तारी की मांग, मैडम को 'जनरल डायर' बताने वाले लोग सड़क पर उतरे

विवादित IPS लिपि सिंह की गिरफ्तारी की मांग, मैडम को 'जनरल डायर' बताने वाले लोग सड़क पर उतरे

MUNGER :  बिहार की काफी चर्चित आईपीएस अफसर लिपि सिंह एक बार फिर से सुर्ख़ियों में आ गई हैं. मुंगेर शहर में उनके खिलाफ सड़क पर लोग प्रदर्सन कर रहे हैं. मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह की गिरफ्तारी की मांग हो रही है. उनकी गिरफ़्तारी को लेकर गुरुवार को एनसीपी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और उन्होंने जेल भरो अभियान की मुहीम की शुरुआत की.


मुंगेर में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान श्रद्धालु अनुराग पोद्दार की मौत का जिम्मेदार स्थानीय लोग तत्कालीन एसपी लिपि सिंह और उनके दलाल कहे जाने वाले कृष्णा कुमार के ऊपर लगा रहे हैं. मुंगेर में पुलिस की कार्रवाई के बाद लोग उनकी तुलना जालियांवाला बाग़ नरसंहार के जनरल डायर से कर रहे हैं. नाराज लोगों ने प्रतिमा विसर्जन गोलीकांड के दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जेल भरो अभियान की भी शुरुआत कर दी. अपने 32 समर्थकों के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे एनसीपी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय केशरी सहित आठ कार्यकर्ताओं को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर आदर्श थाना जमालपुर में रखा गया. बाद में देर शाम को सभी आन्दोलनकारियों को पीआर बॉण्ड पर रिहा कर दिया गया.


संजय केशरी के साथ गिरफ्तार आजाद शर्मा, मोनू सिन्हा, प्रमोद शर्मा, किरण देवी, बेबी देवी, सोनी सिन्हा एवं शोभा देवी ने कहा कि जिस तरह से निर्दोष होने के बावजूद हमलोगों ने गिरफ्तारी दी है. उसी तरह से हत्यारोपी लिपि समेत दोषी कृष्णा कुमार और दोषी पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार करना होगा. जेल भरो अभियान में गिरफ्तारी देने पहुंचे जिन कार्यकर्त्ताओं को गिरफ्तार नहीं किया गया.


आपको बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के मामले ने तूल पकड़ा था. पुलिस की ओर से लाठीचार्ज से लेकर फायरिंग में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए और एक श्रद्धालु अनुराग पोद्दार की मौत हो गई. जिसके बादवहां की एसपी लिपि सिंह के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए. लोगों ने काफी प्रदर्शन किया. थाने के ऊपर हमला किया गया. पुलिस की गाड़ियां जलाई गईं. शहर में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई. जिसके बाद सरकार ने तत्काल एक्शन लेते हुए लिपि सिंह और वहां के डीएम राजेश मीणा को पद से हटा दिया.


आपको बता दें कि 2016 बैच की आईपीएस लिपि सिंह बिहार के नालंदा जिला की रहने वाली है और राजनीतिक परिवार से ताल्लुकात रखती हैं. उनके पिता आरसीपी सिंह भी एक आईएएस अफसर रह चुके हैं और वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं. आरसीपी सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है और वे पार्टी का चुनावी प्रबंधन भी देखते हैं. अब तो मीडिया में उन्हें जेडीयू का उत्तराधिकारी कहे जाने लगा है.



ऐसी भी चर्चा है कि ट्रेनिंग के बाद ज्यादातर पोस्टिंग में वो अपने पिता आरसीपी सिंह के आसपास ही रही हैं. अब राजनीतिक दल ये सवाल उठा रहे हैं कि ये जानते हुए भी किआरसीपी सिंह के रिशतेदार और नीतीश कुमार के करीबी हैं फिर भी इन्हें चुनाव के दौरान ड्यूटी पर क्यों लगाया गया. लिपि सिंह पिछले साल उस समय और अधिक चर्चा में तब आ गई थी, जब उन्होंने मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसी घटना के बाद आईपीएस लिपि सिंह को एएसपी से पदोन्नत करके मुंगेर का पुलिस कप्तान बनाया गया था. इन्हें लेडी सिंघम का नाम दे दिया गया.