PATNA : शीतकालीन सत्र के पहले दिन बिहार विधानसभा की कार्यवाही शोक प्रकाश के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. आज पहले दिन सदन में दिवंगत सदस्यों के निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान जैसे ही स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने शोक प्रकाश की शुरुआत की. बीजेपी के विधायक संजय सरावगी उठ खड़े हुए. उसके बाद लिफ्ट के विधायक भी सदन में खड़े होकर बोलने लगे. शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन शोक प्रकाश के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक उलझे हुए नजर आए.
दरअसल, स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने जैसे ही सदन में शोक प्रकाश को पढ़ना शुरू किया. बीजेपी विधायक के संजय सरावगी उठ खड़े हुए. उन्होंने सदन में नियम 43 के तहत सदन में इस बात पर चर्चा कराने की मांग रखी. दरअसल संजय सरावगी मांग कर रहे थे कि अगले 25 वर्षों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह लोगों को आजादी के महत्व और बाकी जवाबदेही को लेकर जन जागरण किए जाने की बात कही है, उसमें जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण की जाए संजय सरावगी के इस बयान पर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस पर चर्चा करने की बात कही.
लेकिन लेफ्ट के विधायक के कंगना रनौत के बयान को लेकर सदन में उठ खड़े हुए. लेफ्ट के विधायक महबूब आलम समेत अन्य विधायकों ने इस मामले को लेकर सदन में काफी हो-हल्ला किया. हालांकि अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा शोक प्रकाश को पढ़ते गए और सदन में दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई.
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने शोक प्रकाश पढ़ते हुए बोचहां विधायक मुसाफिर पासवान, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह, पूर्व विधायक स्व. मिथिलेश कुमार सिंह, पूर्व विधायक स्व. जनार्दन शर्मा, पूर्व विधान पार्षद स्व. बलराम सिंह यादव, पूर्व विधान पार्षद स्व. डॉ. खालिद रसीद सबा, पूर्व विधायक स्व. हिन्द केसरी यादव, पूर्व विधान पार्षद स्व. रामजी प्रसाद शर्मा, पूर्व विधायक स्व. गौरी शंकर नागदंश को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद विधानसभा के सभी सदस्यों ने खड़े होकर एक मिनट का मौन रखकर दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की. शोक प्रकाश के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई.