ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: CBI की विशेष अदालत में सृजन घोटाले का ट्रायल शुरू, पूर्व DM वीरेन्द्र यादव आरोप तय Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा

Vat savitri 2022: सालों बाद बन रहा है 'वट सावित्री व्रत' के दिन ऐसा संयोग, शुभ मुहूर्त में करें पूजा, रहेगी लाभकारी

1st Bihar Published by: Updated Sat, 28 May 2022 02:09:32 PM IST

Vat savitri 2022: सालों बाद बन रहा है 'वट सावित्री व्रत' के दिन ऐसा संयोग, शुभ मुहूर्त में करें पूजा, रहेगी लाभकारी

- फ़ोटो

PATNA : वट सावित्री लका व्रत हिंदू धर्म में बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति के लिये रखती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में वट सावित्री की पूजा एवं उपवास का बहुत महत्व है. वाट सावत्री इस महीने की 30 तारीख को महिलाएं उपवास रखेंगी. 


30 मई को वट सावित्री मनाया जा रहा है इस दिन वट सावित्री के साथ शनि जयंती और सोमवती अमावस्या भी है. ज्येष्ठ मास की अमावस्या के कारण वट सावित्री व्रत के दिन विशेष और शुभ संयोग बन रहे हैं.


आईये आपको बता है वट सावित्री पूजन का सही समय और विधि. इस व्रत का सही मुहर्त अमावस्या तिथि प्रारम्भ मई 29, 2022 को 02:54 PM बजे से मई 30, 2022 को 04:59 PM तक है. पूजा विधि की बात करे तो इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर ले. घर के मंदिर में दीप जलाए. इस पावन दिन वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है. वट वृक्ष के नीचे सावित्रि और सत्यवान की मूर्ति को रखें. इसके बाद मूर्ति और वृक्ष पर जल अर्पित करें. इसके बाद सभी पूजन सामग्री अर्पित करें. लाल कलावा को वृक्ष में सात बार परिक्रमा करते हुए बांध दें. इस दिन व्रत कथा भी सुनें.