उत्तर प्रदेश के बहाने JDU के भीतर शह-मात का खेल: BJP से तालमेल पर शीर्ष नेताओं के अलग-अलग दावों से खुल रही पोल

उत्तर प्रदेश के बहाने JDU के भीतर शह-मात का खेल: BJP से तालमेल पर शीर्ष नेताओं के अलग-अलग दावों से खुल रही पोल

DELHI: क्या उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के बहाने जेडीयू के भीतर शह-मात का खेल खेला जा रहा है. पार्टी के भीतर की गतिविधियां तो ऐसा ही संकेत दे रही हैं. जेडीयू ने आज यूपी चुनाव को लेकर दिल्ली में बैठक बुलायी थी. बैठक के बाद पार्टी के प्रमुख नेताओं के बयान से अंदर की सियासत बाहर आ गयी. 


जेडीयू की बैठक के बाद जेडीयू के नेता और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह बोले-बीजेपी से बहुत पॉजिटिव बात चल रही है, उम्मीद है गठबंधन हो जायेगा. उसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मीडिया के सामने आये-आऱसीपी बाबू कह रहे हैं कि बीजपी से समझौता हो जायेगा, अगर शीघ्र समझौता नहीं होगा तो हमने प्रदेश अध्यक्ष को कह दिया है कि वह उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दें.


अब सबसे दिलचस्प बात जानिये. जेडीयू के नेताओं के ये बयान तब आ रहे थे जब उससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर चुके थे. नड्डा साफ कर चुके थे कि यूपी में उनकी पार्टी ने सिर्फ अपना दल औऱ संजय निषाद से समझौता किया है. नड्डा ने जेडीयू का नाम तक नहीं लिया था. 


यूपी के बहाने जेडीयू के भीतर खेल

दरअसल पिछले 6 महीने से जेडीयू के भीतर यूपी के बहाने खेल चल रहा है. जेडीयू के सारे नेता भली भांति जानते हैं कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में उनसे समझौता नहीं करने जा रही है. आखिरकार बीजेपी यूपी में जदयू के लिए सीट क्यों छोड़ेगी. जेडीयू का उत्तर प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है. नीतीश की पार्टी ने 2012 में वहां विधानसभा चुनाव लड़ा था. सारी सीटों पर जमानत जब्त हो गया था. किसी भी सीट पर जीतने या मुकाबले में आने की बात तो दूर रही इज्जत बचाने लायक भी वोट नहीं मिले थे. ऐसी पार्टी के लिए बीजेपी क्यो सीट छोड़ेगी.


लेकिन जेडीयू के भीतर दूसरा खेल शुरू हुआ. पिछले अगस्त महीने में पार्टी की राष्ट्रीय पर्षद की बैठक में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को यूपी में बीजेपी से बात करने के लिए अधिकृत कर दिया गया. जेडीयू के नेता ही बताते हैं कि ये आऱसीपी सिंह को किनारे लगाने की कवायद है. दरअसल जेडीयू के भीतर आरसीपी सिंह बीजेपी से दोस्ती के सबसे बड़े हिमायती हैं. जेडीयू के सबसे कद्दावर नेता केंद्र में मंत्री बनने का इंतजार करते रह गये औऱ बीजेपी ने आरसीपी सिंह को मंत्री बना दिया. उसके बाद ही आरसीपी सिंह को यूपी में बीजेपी से बात करने का जिम्मा सौंप दिया गया. उसका रिजल्ट भी सबको पहले से मालूम है लेकिन फिर भी जेडीयू में शह मात का खेल चल ही रहा है.


हर दिन बदल रही जेडीयू नेताओं की बात

मंगलवार को जेडीयू ने लखनऊ में चुनाव को लेकर बैठक की थी. बैठक के बाद पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि अब जेडीयू अकेले चुनाव लड़ेगी और बीजेपी से किसी तरह की कोई बात नही होगी. बुधवार यानि आज दिल्ली में पार्टी की बैठक बुलायी गयी थी, जिसमें उम्मीदवारों की सूची फाइनल होनी थी. इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के अलावा आरसीपी सिंह, केसी त्यागी और यूपी जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष को मौजूद रहना था. बैठक में उम्मीदवारों के नाम और सीट के एलान के बजाय फिर आरसीपी सिंह के माथे गठबंधन कराने का भार सौंपने का एलान कर दिया गया. जेडीयू सूत्र बताते हैं कि ये तो तय है कि बीजेपी सीट नहीं छोडेगी लेकिन आखिर आखिर तक ड्रामे इसलिए हो रहे हैं ताकि आरसीपी सिंह को कोई बहाना बनाने का मौका नहीं मिले.


बैठक के बाद निकले आऱसीपी सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता-नेता चाहते हैं कि यूपी में भी बिहार की तरह बीजेपी से मिलकर चुनाव लड़ा जाये. इसके लिए बीजेपी से बात चल रही है. बीजेपी का रूख सकारात्मक है. जल्द ही फैसला हो जायेगा. पत्रकारों ने सवाल पूछा कि जेपी नड्डा ने तो एलान कर दिया है कि सिर्फ अपना दल औऱ संजय निषाद से तालमेल होगा.  आरसीपी सिंह बगैर जवाब दिये निकल गये. 


वैसे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने 51 उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है. चूंकि आरसीपी सिंह ने कहा है कि बीजेपी से बात हो रही है. शीघ्र फैसला हो जायेगा. इसलिए उन्होंने अपने प्रदेश अध्यक्ष को थोड़ा इंतजार करने को कहा है. प्रदेश अध्यक्ष को कहा गया है कि अगर आरसीपी सिंह बीजेपी से किसी तालमेल की शीघ्र सूचना नहीं देते हैं तो फिर वे अपने स्तर से पार्टी उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दें. प्रदेश अध्यक्ष को इसके लिए अधिकृत कर दिया गया है.