PATNA : बिहार विधानसभा मानसून सत्र के बीच बिहार भाजपा के तरफ से पार्टी के विधायकों की एक रूटीन बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सभी विधायकों को अपनी समस्या के बारे में बताने को कहा गया। उसके बाद एक -एक कर सभी विधायकों ने पार्टी के वरीय अधिकारियों के सामने अपनी शिकायतों को रखा। इस दौरान पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत बिहार के प्रभारी और सह प्रभारी भी मौजूद थे। सबसे बड़ी बात यह रही कि इस बैठक में अमूमन विधायकों ने राज्य में अफसरशाही हावी होने का हवाला दिया।
इस बैठक में राज्य सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान में भाजपा के विधायक जीवेश मिश्रा ने राज्य के पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के विरुद्ध शिकायत की। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बातों को लेकर उनके पास जाता हूं तो वो हमारी बातों को नहीं सुनते या फिर सुन कर भी अनसुना कर देते हैं। ऐसे में यदि कोई अफसर हमारी बातों को नहीं सुनेगा तो फिर हम जनता की समस्या का निवारण कैसे करेंगे। उसके बाद सम्राट ने उन्हें हरसंभव मदद करने की बात कही और इस बात को सीएम नीतीश कुमार के सामने भी रखने का भरोसा दिया।
इसके साथ ही साहेबगंज के विधायक राजू सिंह ने कहा किमुजफ्फरपुर के एसएसपी राकेश कुमार हमारी बात नहीं सुनते। जब भी हमारी जनता उनके पास जाति है वो किसी न किसी काम में बीजी होने की बात कह वहां से निकल जाते हैं। लिहाजा वहां छोटे अधिकारियों की मनमानी बढ़ गई है। ऐसे में लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है। उसके बाद सम्राट ने इस मामले में तुरंत एक्शन की बात कही है। इसके साथ ही पातेपुर के विधायक लखेंद्र पासवान ने वैशाली के एसपी हरकिशोर राय की शिकायत को सामने रखा।
वहीं,मोतिहारी के विधायक प्रमोद कुमार का कहना था कि प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी मनमर्जी वाले हैं। जन-प्रतिनिधियों के आग्रह की वे अवहेलना करते हैं। हमलोगों यदि उनसे किसी काम को करने की बात कहते हैं तो उसे टाल -मटोल किया जाता है। किसी न किसी बात का बहाना बना दिया जाता है। ऐसे में लोगों के अंदर पार्टी को लेकर एक अलग तरह की छवि तैयार होगी और इसका फिर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
उधर, अमूमन विधायकों ने यह कहा कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी तो लालू प्रसाद व तेजस्वी यादव ने अपने मनपसंद अफसरों को क्षेत्र में तैनात कराया। उसका राजद को लाभ भी मिला। कई जगह तो उनमें से कुछ अफसर आज भी तैनात हैं, जो भाजपा विधायकों की सुनते ही नहीं। उन अफसरों के स्थानांतरण के साथ क्षेत्र में चहेते और तेजतर्रार अफसरों की तैनाती का विधायकों ने आग्रह किया। जिसके बाद नेतृत्व ने अपेक्षित पहल के लिए उन्हें आश्वस्त किया।