थाने के सामने धरना पर बैठ गये हैं JDU के विधायक, बोले-थानेदार बिकवा रहा है शराब, SP-DIG मेरी बात नहीं सुन रहे हैं

थाने के सामने धरना पर बैठ गये हैं JDU के विधायक, बोले-थानेदार बिकवा रहा है शराब, SP-DIG मेरी बात नहीं सुन रहे हैं

PATNA: बिहार में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा देने का दावा कर रहे नीतीश कुमार की उनकी पार्टी के विधायक ने ही पोल खोल दी है. सिवान में जेडीयू के विधायक श्याम बहादुर सिंह थाने के सामने धरना पर बैठ गये हैं. श्याम बहादुर कह रहे हैं कि सिवान का थानेदार शराब बिकवा रहा है. एसपी से लेकर डीआईजी तक उनकी शिकायत सुन नहीं रहे हैं.


थाने के सामने श्याम बहादुर सिंह का धरना

सिवान के जीबी नगर थाने के सामने बड़हरिया के विधायक श्याम बहादुर सिंह धरना पर बैठ गये हैं. उनके साथ समर्थकों की टीम है. श्याम बहादुर सिंह का आरोप है कि थानेदार शराब माफियाओं से साठगांठ कर शराब बिकवा रहे हैं. रिकार्ड बनाने के लिए निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है जबकि शराब माफिया खुलेआम कारोबार कर रहे हैं. विधायक के मुताबिक उन्होंने थानेदार की शिकायत एसपी से लेकर डीआईजी से की है. लेकिन कोई बात सुनने को तैयार नहीं है.

अपने समर्थकों के साथ श्याम बहादुर सिंह थाने के सामने बैठे हैं. नीतीश के सिपाही नीतीश की पुलिस के ही खिलाफ लगातार नारेबाजी भी कर रहे हैं. पुलिस के किसी वरीय अधिकारी ने थानेदार की नोटिस नहीं ली है.


भाई के चिमनी पर छापेमारी से नाराज हैं श्याम बहादुर

उधर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्याम बहादुर सिंह खुद शराब के एक मामले में फंसे हैं. विधायक के भाई और बेटे सिवान के ही इलामदीपुर में एक चिमनी चलाते हैं. कुछ दिनों पहले पुलिस ने वहां छापेमारी की थी. छापेमारी में शराब की बोतलें पकड़ी गयीं थीं. इसके बाद पुलिस ने विधायकों के करीबियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी.

पुलिस सूत्रों का कहना है कि विधायक श्याम बहादुर सिंह मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन पुलिस ने उनका दबाव को नोटिस नहीं लिया. इसके बाद वे धरना पर बैठे हैं.


श्याम बहादुर के किस्से काफी चर्चित रहे हैं

वैसे जेडीयू के विधायक श्याम बहादुर सिंह के किस्से काफी चर्चित रहे हैं. सार्वजनिक मंच पर उनके फूहड डांस का वीडियो लगातार वायरल होता रहा है. विपक्षी आरोप लगाते रहे हैं कि सूबे में शराबबंदी के बाद भी श्याम बहादुर सिंह लगातार नशे में चूर रहते हैं. सत्ताधारी दल का विधायक होने के कारण पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती.