PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अक्टूबर महीने में ही इस बात का ऐलान किया था कि वह बिहार में देश का सबसे बड़ा बेरोजगार रैला करेंगे. 27 अक्टूबर को तेजस्वी ने इस बात की घोषणा की थी और आगामी 14 जनवरी को खरमास खत्म होने के बाद तेजस्वी बिहार दौरे पर निकलने की तैयारी में थे. लेकिन में कोरोनावायरस की लहर ने तेजस्वी की सारी प्लानिंग को गड़बड़ कर दिया है.
दरअसल उस तीसरी लहर की जबरदस्त रफ्तार को देखते हुए सरकार ने राज्य के अंदर नए सिरे से पाबंदी लागू कर दी है. नाइट कर्फ्यू के साथ साथ किसी भी तरह के राजनीतिक आयोजनों पर भी बंदिशें लगाई गई हैं. केवल 50 लोगों के साथ ही किसी कार्यक्रम को आयोजित करने और उसकी भी अनुमति पूर्व में लेने की गाइडलाइन जारी की गई है. ऐसे में तेजस्वी यादव की बिहार यात्रा खटाई में पड़ती दिख रही है.
2 दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी के रथ की सर्विसिंग करवाई थी. इसी रथ पर सवार होकर कभी लालू यादव और बाद में तेजस्वी यादव यात्रा के लिए निकला करते हैं. सारी तैयारियां बिल्कुल रास्ते पर थी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव 17 जनवरी के बाद बिहार दौरे पर निकलने वाले थे. खुद तेजस्वी ने भी साल के पहले दिन इस बात के संकेत दिए थे कि खरवास खत्म होते ही वह बिहार दौरे पर निकलेंगे और युवाओं को अपने साथ जोड़ेंगे. बिहार में बेरोजगारी जैसे मुद्दे के साथ युवाओं को जागरूक करने और उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए तेजस्वी ने इस यात्रा का खाका तैयार किया था. लेकिन अब यह सब कुछ खटाई में पड़ता दिख रहा है क्योंकि कोरोना अपना दायरा बढ़ाते जा रहा है
ऐसा नहीं है कि तीसरी लहर का असर केवल तेजस्वी के बिहार दौरे पर ही पड़ेगा. तेजस्वी ने जिससे बेरोजगार रैला को आयोजित करने का ऐलान कर रखा है. उस पर भी इसका असर दिखेगा एक अनुमान के मुताबिक होली के बाद अप्रैल या मई के महीने में यह रैला गांधी मैदान में आयोजित किए जाने की संभावना थी. इसमें देश भर से युवाओं को बुलाने की तैयारी थी. और मकसद यह था कि युवाओं के जरिए सरकार से सवाल पूछा जाए लेकिन अब अगर तेजस्वी बिहार में जनसंपर्क अभियान ही शुरू नहीं कर पाएंगे तो जाहिर है बेरोजगार रैला का वक्त भी आगे बढ़ सकता है. अगर रेला का वक्त नहीं भी बढ़ा और कोरोना का संक्रमण कम भी हो गया तब भी तेजस्वी को तैयारी के लिए वक्त कब मिलेगा.