SAMASTIPUR: बिहार के डीजीपी एस.के.सिंघल अपनी सरकार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव की राह पर चलने लगे हैं. डीजीपी आज समस्तीपुर में पुलिस के कामकाज का निरीक्षण करने पहुंचे थे. जब उनके स्वागत के लिए बुके दिया गया, तो डीजीपी ने कहा-मुझे बुके नहीं दो, किताब ला दो. DGP ने अधिकारियों से कहा-मेरे कहने की बात नहीं है, और भी लोग कह रहे हैं कि बुके नहीं दो, किताब दो. बता दें कि पिछले महीने ही तेजस्वी ने अपने समर्थकों से आग्रह किया था कि वे उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट न करें. स्नेहवश देना ही चाहते हैं तो उन्हें किताब भेंट करें या कलम दें।
बिहार के डीजीपी एसके सिंघल समस्तीपुर में बढ़ते अपराध की घटनाओं की समीक्षा के लिए अचानक समस्तीपुर पहुंचे. हालांकि उनके पहुंचने से पहले जिला प्रशासन औऱ पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गयी थी. डीजीपी के समस्तीपुर आने की खबर मिलने के बाद डीएम योगेंद्र सिंह और एसपी हृदय कांत सर्किट हाउस पहुंचे. वे डीजीपी के स्वागत में बुके लेकर खड़े थे. कुछ देर बाद वहां पहुंचे डीजीपी ने बुके लेने से मना कर दिया और किताब देने को कहा।
डीजीपी एस के सिंघल जैसे ही अपनी गाड़ी से उतरे उन्होंने डीएम-एसपी को बुके के साथ खड़े देखा. तत्काल डीजीपी ने कहा - "देखो भैया, बुके नहीं, मेरी किताब ला दो". उन्होंने बुके नहीं लिया औऱ आगे बढ़ गए. इस बीच डीजीपी ने वहां खड़े डीएम का नाम पूछा. फिर डीएम योगेंद्र सिंह को उन्होंने कहा कि- मेरे कहने से क्या होगा, और भी लोग कहने लगे हैं कि बुके नहीं किताब दो. डीजीपी ने नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा आग्रह तेजस्वी यादव ने ही किया है।
वैसे बिहार के डीजीपी समस्तीपुर जिले में बढ़ते अपराध की समीक्षा करने पहुंचे हैं. डीजीपी के समस्तीपुर पहुंचने के बाद शहर में पुलिस एक्शन में नजर आयी. बता दें कि समस्तीपुर में अपराधियों के तांडव से लोगों में दहशत है. हाल ही में जिले के खानपुर में भाजपा नेता रघुवीर स्वर्णकार की हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद बढ़ते अपराध पर भाजपा आक्रामक होकर आंदोलन कर रही है. गुरुवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने समस्तीपुर पहुंचकर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. उन्होंने पुलिस पर जमकर निशाना भी साधा था।