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DELHI : यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। आज के सुनवाई में तमिलनाडु सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। इस दौरान मनीष कश्यप को राहत मिलने के आसार हैं। मनीष कश्यप के ऊपर लगे एनएसए मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब तमिलनाडु सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
दरअसल, मनीष कश्यप पर तमिलनाडु फेक वीडियो केस के चलते दो राज्यों में 5 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई है जिसमें उसने सर्वोच्च अदालत से मांग की है कि,उसके ऊपर दर्ज सभी मुकदमों की सुनावई एक जगह की जाए। अब आज इसी मामले में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच में सुनवाई हुई।
मनीष कश्यप के खिलाफ बिहार से बाहर भी इस मामले में केस दर्ज किए गए हैं। तमिलनाडु पुलिस ने भी मनीष के खिलाफ केस दर्ज किए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप के ऊपर लगे राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) को लेकर तमिलनाडु सरकार से सवाल पूछे हैं। नोटिस में एनएसए लगाए जाने से जुड़े सवाल हैं जिसका जवाब अब सरकार को देना है। सुप्रीम कोर्ट के तरफ से पूछा गया है कि मनीष कश्यप पर एनएसए लगाने का आधार क्या है? तब तक मनीष कश्यप मदुरई की सेंट्रल जेल में ही रहेंगे।
मालूम हो कि, मनीष कश्यप की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसमें उसने तमिलनाडु पुलिस द्वारा लगाई गई रासुका हटाने की मांग करते हुए दोनों राज्यों में दर्ज केसों को एक साथ जोड़ने की मांग की। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए तमिलनाडु पुलिस को नोटिस जारी किया। SC ने नोटिस में तमिलनाडु से पूछा है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ एनएसए क्यों लगाया गया, इस पर जवाब दें।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बिहार और तमिलनाडु की सरकार ने मनीष कश्यप की याचिका का विरोध किया। तमिलनाडु की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि मनीष कश्यप के यूट्यूब पर 60 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। उसने तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो बनाकर अपने अकाउंट पर शेयर किए जो कि गंभीर अपराध है। वह कोई पत्रकार नहीं बल्कि एक राजनेता है और चुनाव भी लड़ चुका है।
इधर, मनीष कश्यप की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील सिद्धार्थ दवे ने दलील रखी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से मनीष के खिलाफ केस दर्ज किए। क्या इस पर रासुका लगाना सही है? उन्होंने मनीष के खिलाफ दोनों राज्यों में दर्ज एफआईआर को क्लब करने की मांग भी की। मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार (28 अप्रैल) को होगी।