'टैबलेट' वाले बयान पर बोले ललन सिंह ...टुटपुंजिया आदमी के बातों पर नहीं देता ध्यान

 'टैबलेट' वाले बयान पर बोले ललन सिंह ...टुटपुंजिया आदमी के बातों पर नहीं देता ध्यान

DESK : जेडीयू  के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर सीएम नीतीश कुमार को लेकर पूर्व सांसद अरुण कुमार ने गंभीर आरोप लगाया है। अरुण कुमार ने कहा है कि- ललन सिंह मुख्यमंत्री के खाने में टैबलेट मिलाकर दे रहे हैं जिसके चलते नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस हो गई है। ऐसे में अब इनके इस बयान पर बिहार की राजनीति काफी गर्म हो गई है। इसके बाद अब इसको लेकर ललन सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है और अरुण कुमार को टपुंजिया आदमी बताया है। 


दरअसल, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह किसी काम को लेकर वाराणसी पहुंचे थे। जहां पत्रकारों ने उनसे यह सवाल किया कि- बिहार के एक पूर्व सांसद ने आप पर यह आरोप लगाया है कि -आप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खाने में टेबलेट डालते हैं। उसके बाद ललन सिंह ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि- हम किसी भी टुटपुंजिया आदमी के बातों का जवाब नहीं देते हैं। वो आदमी  आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन मेरे लिए नहीं है।  उनको जो मन में आए कहें। 


मालूम हो कि, इससे पहले पूर्व सांसद अरुण कुमार ने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति खराब हो गई है जिसके कारण नीतीश कुमार जनता दरबार में गृह मंत्री को खोजने लगते हैं।  क्राइम से जुड़ा हुआ मामला लेकिन यह भूल जाते हैं कि बिहार के गृह मंत्री खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं। मुख्यमंत्री कभी नेताओं को पकड़कर सिर में सिर टकराने लगते हैं तो कभी नेताओं का पैर पकड़ लेते हैं। अरुण कुमार ने ललन सिंह पर हमला करते कहा कि यह वही लोग हैं जो लालू यादव को चारा घोटाला मामले में जेल भेजने में मुंशी का काम कर रहे थे। अब वही मुंशी जेडीयू को समाप्त करना चाहते हैं और नीतीश कुमार को किनारे करने में लगे हुए हैं। 


इसके आगे उन्होंने कहा था कि- ललन सिंह लालू यादव को अपना नेता मान रहे हैं। लालू यादव को ललन सिंह यह भी कह चुके हैं कि चारा घोटाला मामले में हमने आपको फंसाया था तो बचा भी हम ही सकते हैं। ये जेडीयू को समाप्त कर देंगे और नीतीश कुमार को किनारे लगा देंगे। मैं आपको अपना नेता मानता हूं। 

उधर, अरुण सिंह ने कहा कि बिहार में अराजकता का माहौल बना हुआ है। बिहार के मुखिया की मेमोरी लॉस हो गई है। मानसिक स्थिति खराब हो गई है।  ऐसे में बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए और प्रधानमंत्री को बिहार को बचाना चाहिए।