DESK : कोरोना वायरस का खौफ लोगों के मन में इस कदर बैठ गया है कि, वो इस बीमारी से ठीक हो कर लौटे मरीजों से दूरी बना रहे हैं. कही पर तो इन लोगों का स्वागत हो रहा है पर कहीं कहीं इन मरीजों के साथ लोग अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे. कोरोना संक्रमण का लोगो इतने डरे हुए हैं कि वे अपने बचाव के लिए पीड़ितों और उनके परिवार के लोगों के साथ भेद-भाव और हीन भावना रखने लगे हैं.
कोरोना संक्रमित कोई मरीज की मौत हो जाए तो उसके परिवार वालों के साथ लोग सहानुभूति तक नहीं जताते. कोरोना की जंग जीतने वाले लोगों के साथ भी उनका बर्ताव नहीं बदलता. इस वजह से कोरोना के मरीज और उनके परिवार के लोग अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं. जब मरीज ठीक होकर घर लौटते हैं तो पड़ोसी और रिश्तेदार उनसे दूरी बनाते हैं, जो पूरी तरह से असामाजिक है.
लोगों के इस बर्ताव को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को इस महामारी से लड़ने के लिए और पीड़ितों से भेद-भाव नहीं करने की अपील की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह:
• स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड से पीड़ित लोगों से भेदभाव नहीं करने की अपील पहले भी की है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने पड़ोसियों-करीबियों को सलाह दी है कि आप इन पीड़ितों से डरें नहीं, बल्कि इनसे हमदर्दी और सहानभूति रखें.
• भारत सरकार के मुताबिक, भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों का नाम उजागर नहीं किया जा रहा है. आप भी ऐसा ना करें.
• पीड़ितों के करीबियों से अपील की जा रही है कि मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों का तिरस्कार न करें, उनका इस कठिन समय में सहयोग करें.
• कोरोना वायरस से ठीक होकर घर लौटे लोगों का मनोबल बढ़ाएं, उनसे दूरी न बनाएं.
• संक्रमण से प्रभावित लोगों के नाम, उनकी पहचान, उनके घर का पता सोशल मीडिया पर साझा न करें.
• जो लोग संक्रमण से स्वस्थ हो गए हैं, उनके बारे में सकारात्मक बातें लोगों को बताएं, ताकि उनमें डर खत्म हो.
• कोरोना संक्रमण के फैलाव के लिए किसी समुदाय या किसी इलाके को जिम्मेदार न ठहराएं.
• जिनका उपचार चल रहा है, उन्हें संदिग्ध के रूप में नहीं, बल्कि कोरोना को हराने वाले के रूप में देखें.