PATNA : बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी सरकारी नियम-कानूनों से उपर हैं क्या? भारत सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ा कर सुशील मोदी चुनाव प्रचार में रोड शो कर रहे हैं. सवाल ये उठ रहा है कि उन पर सरकारी आदेश क्यों नहीं लागू हो रहा है.
सरकारी आदेश ठेंगे पर
कोरोना के शिकार बने सुशील कुमार मोदी को ठीक होने के बाद सात दिनों तक होम क्वारंटीन में रहना था. सोमवार को वे एम्स से डिस्चार्ज हुए थे. लिहाजा उन्हें अगले सात दिनों तक घर से बाहर नहीं निकलना था. लेकिन वे रोड शोर कर रहे हैं. एम्स से डिस्चार्ज होने के तीसरे ही दिन सुशील मोदी ने सीतामढ़ी और मधुबनी में चुनाव प्रचार किया. उन्होंने आज दोपहर सबसे पहले सीतामढ़ी में रोड शो किया फिर मधुबनी में रोड शो कर बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगा.
मास्क तक की परवाह नहीं
सुशील मोदी ने खुद रोड शो की तस्वीरें ट्वीट की है. उन्हीं तस्वीरों में दिख रहा है कि उनके काफिले में चल रहे बीजेपी समर्थक बगैर मास्क के हैं. सुशील मोदी के साथ गाड़ी पर खडे नेता के चेहरे से भी मास्क गायब है. बिहार की पुलिस रोड पर बगैर मास्क के चलने वालों को खदेड़ कर पकड़ती है और उन्हें फाइन करती है. लेकिन बिहार के डिप्टी सीएम के लिए नियम-कानून अलग हैं. सुशील मोदी के रोड शो में सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ गयीं.
क्या है भारत सरकार का निर्देश
कोरोना मरीजों को लेकर भारत सरकार का दिशा निर्देश बताता है कि सुशील मोदी ने सरकारी नियमों का उल्लंघन किया. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानि आईसीएमआर की गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि कोरोना मरीज को निगेटिव होने के बाद सात दिन तक होम क्वारंटाइन का पालन करना है. गाइडलाइन के अनुसार- ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं, जिन्हें तीन दिनों तक बुखार नहीं आ रहा है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं है तो अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है. लेकिन इसके बावजूद ऐसे मरीजों को किसी के भी संपर्क में नहीं आना है और सात दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना है.