PATNA : बिहार में बढ़ती सियासी हलचल के बीच भाजपा के बड़े नेता और नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी सुशील कुमार मोदी ने बड़ा दावा किया है। सुशील मोदी ने कहा है कि - किसी के लिए भाजपा में हमेशा के लिए दरवाजा बंद नहीं होता है राजनीति में कुछ चीजें होती रहती है। अगर नीतीश कुमार हमारे साथ आना चाहते हैं तो इसको लेकर हमारे तरफ से पार्टी के आलाकमान फैसला करेंगे।
सुशील मोदी ने कहा कि राजनीति में कभी भी किसी के लिए दरवाजा बंद नहीं होता। चाहे बहुत जदयू हो या अन्य दल राजनीति में दरवाजा हमेशा खुला रहता है। मैंने कहा कि अगर दरवाजा बंद रहता है तो आवश्यकता पड़ने पर वह दरवाजा खुला भी सकता है। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुलेगा या नहीं खुलेगा इसका फैसला हम नहीं करेंगे लेकिन पार्टी आलाकमान करेंगे।
इसके आगे सुशील मोदी ने कहा कि -सुशील मोदी ने कहा कि यदि दरवाजा बंद होता है तो राजनीति में दरवाजा खुलता भी है। बाकी जिन्हें जो विचार करना है वह कर सकते हैं। इसके आगे अभी फिलहाल किसी तरह कोई भी जानकारी है। आगे कोई जानकारी आएगी तो आपको जरूर बताया जाएगा फिलहाल इतना ही है कि राजनीति में बंद दरवाजे खुल भी सकते हैं।
वहीं , बिहार में मची सियासी उठापटक और सत्तारूढ़ राजद और जेडीयू के बीच खटपट को लेकर भाजपा फुल एक्टिव मोड में आ गई है। और एक के बाद एक बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक कल यानी 27 जनवरी को पटना में बिहार बीजेपी की बैठक होनी है। जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। जिसमें बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत बिहार भाजपा के दिग्गज नेता शामिल होंगे।
मालूम हो कि, इससे पहल गुरूवार को भी दिल्ली में शाह के आवास पर बड़ी बैठक हुई थी। जिसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए थे। और अपने केरल दौरे को भी रद्द कर दिया था। और अब अगली बैठक पटना में रखी गई है। दिल्ली में हुई भाजपा की बैठक खत्म होने के बाद सम्राट चौधरी ने बताया किलोकसभा चुनावको लेकर चर्चा हुई।
उधर, बिहार की सियासत में हलचल उस वक्त से बढ़ गई। जब सीएम नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के ऐलान पर पीएम मोदी का शुक्रिया किया। और आभार जताया। साथ ही कर्पूरी जयंती के समारोह में परिवारवाद पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया। जब तक कर्पूरी ठाकुर रहे बेटे को आगे नहीं किया। उनके निधन के बाद जेडीयू ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को राज्यसभा भेजा।
नीतीश ने कहा कि हमने भी कर्पूरी ठाकुर के रास्ते पर चलते हुए कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। दूसरों को मौका देते रहे। नीतीश के इस बयान के अगले ही दिन लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर दिए। जिन्हें नीतीश के परिवारवाद वाले बयान से जोड़कर देखा। जिसपर हंगाम मचने के बाद रोहिणी ने डिलीट कर दिए। फिलहाल बिहार में सियासी खिचड़ी तो जरूर पक रही है।