सियासी हलचल के बीच फिर एकसाथ दिखें नीतीश-तेजस्वी, CM को मनाने को मनाने की हुई कोशिश

सियासी हलचल के बीच फिर एकसाथ दिखें नीतीश-तेजस्वी, CM को मनाने को मनाने की हुई कोशिश

PATNA :  बिहार में सियासी उथल पुथल के बीच बड़ी खबर आ रही है। गणतंत्र दिवस को लेकर गांधी मैदान में राजकीय समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव एक साथ मौजूद नजर आए। बिहार की राजनीति के लिए यह बेहद अहम डेवलपमेंट बताया जा रहा है। पटना के गांधी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर झंडोत्तोलन करने के दौरान नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बातचीत करते हुए नजर आए। लेकिन, अब जो जानकारी निकल कर सामने आई है उसके मुताबिक सीएम तेजस्वी के साथ उतनी उर्जा के साथ बातचीत नहीं है जितनी इससे पहले होती थी।


दरअसल, बिहार में सियासी हलचल के बीच दिल्ली में गुरुवार देर रात को गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बड़ी बैठक हुई। इसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, विनोद तावड़े, सुशील मोदी, सम्राट चौधरी, बिहार के संगठन मंत्री भिखु भाई दलसानिया, पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी और बीजेपी के बिहार झारखंड के क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र जी मौजूद रहे। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा और पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद भी इस बैठक में थे। इस बैठक के बाद जो भाजपा सूत्र ने जो बताया है उसके मुताबिक किसी भी पल सीएम भाजपा के साथ जा सकते हैं।


मालूम हो कि, ऐसे में अब जब आज राजकीय समारोह के बहाने हैं नीतीश तेजस्वी एक मंच पर नजर आए और नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बातचीत भी हुई। लेकिन, जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक तेजस्वी ने ही नीतीश कुमार से बातचीत की पहल की है और यह निवेदन किया है आप हमारे साथ रहे और मजबूती से सरकार चलाए। हालांकि, नीतीश इस सलाह पत्र उतने सहज नहीं नजर आए जितना अब से पहले वो तेजस्वी यादव को लेकर नजर आते हैं। नीतीश ने यह भरोसा तो दिया है कि सबकुछ ठीक है। लेकिन, यह पहली दफा नहीं होगा जब नीतीश कुमार वर्तमान सरकार में सब ठीक ओने की बात कहके भी पलटी मारा हो इससे पहले भी 2022 में सबकुछ ठीक होने की इबात कह पलटी मारी थी।


 उधर, जिस तरह से जिस तरह की खबरें निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक नीतीश कुमार अब शायद ही तेजस्वी यादव को पहले की तरह महत्व देते हुए नजर आएंगे। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि नीतीश कुमार कभी भी अपने विरोधियों को यह आभास नहीं होने देना चाहते हैं कि वह उनसे दूर होने हैं बल्कि वह अचानक से बड़ा फैसला लेते हैं, ताकि उनके विरोधी को भी उनके खिलाफ कोई बड़ी रणनीति तय करने का समय नहीं मिल पाए। ऐसे में जब आज नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से बातचीत कर भरोसा तो देते हुए नजर आए।  लेकिन इतना तय है कि नीतीश कुमार अब तेजस्वी यादव के साथ अधिक दिनों तक नहीं रहने वाले हैं। यह बातचीत महज के औपचारिक बातचीत होगी।