DELHI: बिहार के सिवान और गोपालगंज में बैठे युवक पाकिस्तानी अपराधियों से सांठगांठ कर भारत में ठगी का बड़ा रैकेट चला रहे थे. इस्लामाबाद में बैठे सरगना के इशारे पर बिहारी युवकों ने कई लोगों को लाखों का चूना लगाया. मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर ब्रांच की टीम ने तीन बिहारियों को गिरफ्तार कर लिया है.
कौन बनेगा करोड़पति लॉटरी के नाम पर ठगी
दिल्ली पुलिस के मुताबिक बिहार के सिवान और गोपालगंज में बैठे युवक पाकिस्तानी कनेक्शन के जरिये ठगी की कई घटनाओं को अंजाम दे चुके थे. वे कौन बनेगा करोड़पति लॉटरी के बहाने लोगों को ठग रहे थे. दिल्ली पुलिस की खास टीम ने सिवान के इम्तियाज अली, गोपालगंज के इरफान अली और संतोष कुमार को गिरफ्तार कर लिया है.
दिल्ली की महिला की शिकायत के बाद हुई गिरफ्तारी
दरअसल इस मामले में दिल्ली के नजफगढ़ की एक महिला ने शिकायत दर्ज करायी थी. महिला ने अपने FIR में कहा था कि कुछ दिनों पहले उसे एक पाकिस्तानी नंबर से व्हाट्सअप कॉल आया, जिसमें य़े बताया गया कि उसने कौन बनेगा करोड़पति लॉटरी जीत ली है. महिला को पाकिस्तान का ही एक दूसरा नंबर दिया गया और उस नंबर पर व्हाट्सअप कॉल कर इनाम की पूरी जानकारी लेने को कहा गया.
FIR के मुताबिक लॉटरी का इनाम लेने के नाम पर उसे भारत के कुछ बैंक अकाउंट में लाखों रूपये जमा करने को कहा गया. ठगों ने उससे कहा कि GST और दूसरे प्रोसेसिंग फी जमा करने के बाद ही उसे इनाम का पैसा मिलेगा.
महिला के मुताबिक उसे पहले 25 लाख का इनाम मिलने की बात कही गयी थी. फिर 45 लाख का इनाम मिलने की जानकारी दी गयी. बाद में इनाम की राशि को 75 लाख बता दिया गया. इनाम के पैसे देने के नाम पर उससे अलग अलग बैंक अकाउंट में तकरीबन 40 लाख रूपये जमा करवाये गये.
दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के डिप्टी कमिश्नर अन्येष राय ने बताया कि महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने छानबीन की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आयीं. ठगी का ये सारा रैकेट पाकिस्तान में बैठे अपराधी चला रहे थे और उनका सेंटर इस्लामाबाद था. पाकिस्तानी अपराधियों की सांठ गांठ बिहार के युवकों से थी. दिल्ली पुलिस की खास टीम ने कल बिहार के तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक बिहार के ये युवक पिछले एक साल से इस गोरखधंधे में शामिल थे. उनके कुछ और साथी इस खेल में शामिल हैं. इन सबका आका पाकिस्तान के इस्लामाबाद का रऊफ नाम का आदमी है. ठगी के इस धंधे में जो पैसे आ रहे थे उसका 25 से 30 प्रतिशत हिस्सा बिहार के युवकों को मिल रहा था. बाकी पैसा हवाला के जरिये पाकिस्तानी रऊफ के पास ट्रांसफर कर दिये जा रहे थे.
ठगी के इस खेल का सरगना रऊफ अपना नाम राणा प्रताप सिंह बताकर लोगों से पैसे ऐंठता था. इसी साल ओडिसा के कालाहांडी में प्रताप बारिक नाम के युवक ने आत्महत्या कर ली थी. मरने से पहले उसने वीडियो बना कर कहा था कि राणा प्रताप सिंह नाम के आदमी ने उससे 70 हजार ठग लिये थे. उस घटना में भी यही गैंग शामिल था.