BUXAR: बिहार सरकार ने शिक्षकों की पेंशन को भले ही अब खत्म कर दिया है लेकिन इसको लेकर लड़ाई लगातार जारी है। इसी बीच अब गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के समर्थित प्रत्याशी जीवन कुमार ने कहा है कि शिक्षकों की पेंशन समस्या खत्म कराना मेरी प्राथमिकता है। मुझे अगर शिक्षकों का साथ मिल गया तो मैं उनके लिए लड़ने को तैयार हूं।
दरअसल, जीवन कुमार ने कल यानी गुरुवार को डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न विद्यालय और कॉलेजों में शिक्षकों के साथ बैठक की। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बयान पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बेहद गलत शब्द का प्रयोग किया है। दरअसल, पिछले दिनों शिक्षा दिवस के एक कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश ने कहा था कि जो शिक्षक अच्छे से नहीं पढ़ाएंगे उनकी नौकरी खत्म कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री के इस बयान से शिक्षकों के बीच भी आक्रोश देखने को मिल रहा है। अब जीवन कुमार शिक्षकों के समर्थन में उतर आए हैं।
जीवन कुमार ने कहा है कि शिक्षक के मन में हमेशा एक भावना रहती है कि आखिर रिटायर्ड होने के बाद हमारा और हमारे परिवार का क्या होगा? इसलिए सरकार को हर हाल में पुराना पेंशन लागू करना ही होगा। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो शिक्षकों के हित में मजबूती से आवाज उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो संघर्ष करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री के बयान पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री को ऐसा ब्यान देना शोभनीय नहीं है। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद से शिक्षक खुद को सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं। आप शिक्षकों के बीच रोष पैदा करेंगे तो वे अच्छे मन से बच्चों को नहीं पढ़ा सकेंगे। पहले ही बिहार जितना आगे जाना चाहिए उतना आगे नहीं गया है। इस तरह का बयान देना बिलकुल गलत है। जिस राज्य के मुख्यमंत्री इस तरह की बयान दे उस राज्य का क्या हो सकता है? ये तो ऊपर वाला ही जानें।
उन्होंने कहा कि आज बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में यहां के शिक्षक सक्षम हैं। उन्हें सिर्फ उचित संसाधन और मान सम्मान देने की जरूरत है। इस मोर्चे पर सरकार विफल रही है। एक तरफ जहां विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। वहीं दूसरी ओर जिन शिक्षकों को सरकार ने नौकरी दी है, उनके साथ मात्र मानदेय देकर बिहार सरकार उनके साथ छलावा कर रही है। शिक्षक के मन में हमेशा एक भावना रहती है कि आखिर रिटायर्ड होने के बाद हमारा और हमारे परिवार का क्या होग? इसलिए सरकार को हर हाल में पुराना पेंशन लागू करना ही होगा। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो शिक्षकों के हित में मजबूती से आवाज उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो संघर्ष करेंगे।
जीवन कुमार ने कहा कि यह सरकार कभी भी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने की बात नहीं करती। कोई भी शिक्षक ऐसे ही नही आए हैं बल्कि अपनी योग्यता व क्षमता के बल पर बहाल हुए हैं। ऐसे में शिक्षकों की समस्याओं को दरकिनार कर उन्हें परेशानी में डालना अच्छी बात नही है। शिक्षकों की समस्याओं में सबसे बड़ी समस्या स्थानांतरण, समय पर वेतन का भुगतान व पेंशन जैसी महत्वपूर्ण है। क्योंकि स्थानान्तरण की पॉलिसी नहीं बनने से महिला शिक्षिकाओं को काफी परेशानिया होती है। वही वेतन व पेंशन आदि गम्भीर समस्या शिक्षकों को अपने भविष्य के प्रति सोचने को विवश कर दिया है। ऐसे में शिक्षकों की समस्याओं को गम्भीरता के साथ बिहार सरकार के समक्ष रखते हुए आपकी समस्याओं से निजात दिलाऊंगा। वही वितरहित कॉलेजों की समस्याओं पर भी गम्भीरता से चर्चा की गई। जहां कॉलेज के शिक्षकों ने गम्भीरता अपनी बातों को रखा। इसके पहले गर्मजोशी के साथ उनका 5 स्वागत किया। डुमरांव राज हाई स्कूल जहां देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्वारा तेरह दिनों तक शिक्षक के रूप में पढ़ाने के बारे जानकर वहां की मिट्टी को प्रणाम कर खुद को गौरवान्वित होने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की एक अलग गरिमा होती है। समाज के सबसे संवेदनशील । होते हैं। समाज का आईना होते हैं, जो आगे की पीढ़ी को सजा-संवारकर योग्य बनाते हैं। इस दौरान शिक्षक नेता यतीन्द्र चौबे, रमेश गुप्ता, मार्कण्डेय दूबे, उपेंद्र पांडेय के साथ हा राज हाई स्कूल प्लस टु महारानी उपारानी बालिका उन्न विद्यालय, समित्रा महिला महाविद्यालय इंटर कॉलेज, सीपीएसएस प्लस टू आदि के शिक्षक मौजूद रहे।