PATNA: बिहार में एक बार फिर शिक्षकों पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का डंडा चला है। पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद स्कूल के बाद जातीय गणना का काम नहीं करने वाले 25 शिक्षकों का वेतन रोक दिया है और उन्हें नोटिस जारी कर कारण पूछा है। शिक्षकों पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय आदेश का पालन नहीं किया और सरकार काम में बाधा पहुंचाने का काम किया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के आदेश के बाद बिहार के शिक्षकों से जातीय गणना का काम कराया जा रहा था। केके पाठक ने पिछले दिनों सभी डीएम को पत्र जारी कर आदेश दिया था कि शिक्षक स्कूल खत्म होने के बाद जातीय गणना का काम करेंगे ताकि जल्द से जल्द जातीय गणना का काम पूरा हो सके। पटना के दनियावां प्रखंड के ये सभी 25 शिक्षक जातीय गणना के काम में शामिल नहीं हुए जिसके बाद केके पाठक के आदेश का हवाला देते हुए उनके खिलाफ जिला प्रशासन ने एक्शन लिया है।
जानकारी के मुताबिक बीते बुधवार को जातीय गणना को लेकर पर्यवेक्षकों के प्रशिक्षण के लिए कैंप आयोजित किया गया था। इस कैंप में दनियावां प्रखंड के 25 शिक्षक सह पर्यवेक्षक ट्रैनिंग के लिए नहीं पहुंचे थे। जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा था कि स्कूलों में काम के घंटों के बाद ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए वे बाध्य नहीं हैं। बीईओ की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी ने ट्रैनिंग में नहीं आने वाले 25 शिक्षकों का वेतन रोक दिया है और स्पष्टीकरण मांगा है और पूछा है कि सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जाए?
बता दें कि केके पाठक ने केके पाठक ने राज्य के सभी डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि बिहार में जाति आधारित गणना का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सिर्फ डाटा एंट्री का काम बचा हुआ है। ऐसे में स्कूल अवधि के बाद ही शिक्षकों की जातिगत गणना में ड्यूटी लगाई जाए। ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। केके पाठक ने आदेश जारी किया था कि स्कूल खत्म होने के बाद शिक्षकों से जातिआधारित गणना से जुड़ा काम लिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने हिदायत भी दी थी कि जो शिक्षक इस आदेश की अवहेलना करेंगे उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।