बिहार चुनाव 2025 की पहली रैली में नीतीश कुमार बोले – अब बिहार में नहीं है डर, हर गांव तक पहुंचा विकास; लालू के समय होता था यह काम Bihar Election 2025: बिहार के चुनावी समर में मायावती की पार्टी, BSP ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट Bihar Election 2025: बिहार के चुनावी समर में मायावती की पार्टी, BSP ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट Bihar News: देश से विदेश तक साइबर ठगी का जाल, बिहार में NGO के खाते में आए करोड़ों रुपए; खुलासे से हड़कंप Bihar Politics : बिहार के डिप्टी सीएम की संपत्ति में बड़ा खुलासा, पत्नी निकली आगे; राइफल और रिवॉल्वर के भी शौकीन; जानिए पूरी डिटेल्स Bihar Election 2025: बिहार में नामांकन के दौरान दो पार्टियों के समर्थकों के बीच भिड़ंत, पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज Chhath Puja 2025: छठ पूजा में नाक से मांग तक सिंदूर क्यों लगाती हैं महिलाएं? जान लें क्या है इसका कारण Green Crackers: क्या है ग्रीन पटाखा, बाकी से क्यों है अधिक कीमत? जानें पूरी डिटेल FSSAI Act 2006 : “FSSAI ने ORS शब्द पर लगाया प्रतिबंध, केवल इन उत्पादों पर ही लगेगा यह टैग; जानिए वजह Bhagwat Chapter One Raakshas Review: अरशद और जितेंद्र की जोड़ी ने रच दिया थ्रिलर धमाका, जानें पूरा रिव्यु
1st Bihar Published by: Updated Sun, 13 Oct 2019 08:12:15 AM IST
- फ़ोटो
हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. शारदीय नवरात्रि के खत्म होने के बाद शरद पूर्णिमा आती है ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर शरद पूर्णिमा मनाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा धरती पर अमृत की वर्षा करता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था. इसलिए धन प्राप्ति के लिए भी ये तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है.
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त :-
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 अक्टूबर 2019 की रात 12 बजकर 36 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 अक्टूबर की रात 02 बजकर 38 मिनट तक
चंद्रोदय का समय: 13 अक्टूबर 2019 की शाम 05 बजकर 26 मिनट
शरद पूर्णिमा व्रत विधि :-
- इस दिन सुबह में इष्ट देव का पूजन करना चाहिए.
- महालक्ष्मी जी का पूजन घी के दीपक जलाकर करनी चाहिए.
- ब्राह्माणों को खीर का भोजन कराना चाहिए.
- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है
- रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए
- रात 12 बजे के बाद अपने परिजनों में खीर का प्रसाद जरुर बांटें.