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1st Bihar Published by: Updated Wed, 07 Oct 2020 08:44:31 PM IST
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PATNA : पूर्णिया में दलित नेता शक्ति मलिक हत्याकांड में अभियुक्त बनाये जाने के बाद भारी परेशानी में पड़े तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बडी राहत मिली है. आरोप लगा था कि तेजस्वी यादव ने 50 लाख रूपये के लिए शक्ति मलिक की हत्या करा दी थी. आज इस मामले का मुख्य अभियुक्त और शक्ति का हत्यारा पकड़ा गया. उसने कहा तेजस्वी और तेजप्रताप पर सरासर गलत आरोप लगाया गया. पूर्णिया पुलिस भी मान गयी कि दोनों नेताओं पर लगा आरोप गलत था.
पूर्णिया के शक्ति मलिक हत्याकांड का खुलासा
पूर्णिया पुलिस ने आज शक्ति मलिक के हत्यारे बताये जा रहे आफताब नाम के आदमी को गिरफ्तार कर लिया. आफताब ने बताया कि शक्ति मलिक आदतन अपराधी था. उसके खिलाफ कई मुकदमा दर्ज थे. आफताब शक्ति मलिक का करीबी हुआ करता था. लेकिन दोनों के बीच पैसे को लेकर विवाद हो गया था.
आफताब ने पुलिस को बताया कि पैसे की विवाद में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर शक्ति मलिक की हत्या कर दी थी. आफताब
आफताब ने पुलिस के समक्ष दियेगये बयान में कहा है कि तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और आरजेडी नेताओं को फंसाया गया है. वे कहीं भी इस मामले में नहीं है. ना ही किसी ने 50 लाख रूपये मांगा था. तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव से तो शक्ति मलिक की मुलाकात तक नहीं हुई थी. आफताब ने बताया कि शक्ति मलिक पहले आरजेडी का नेता था. लेकिन उसका एक गलत वीडियो वायरल होने के बाद तेजस्वी यादव ने उसे पार्टी से निकाल दिया था.
पुलिस भी बोली तेजस्वी-तेजप्रताप के खिलाफ सबूत नहीं
आफताब के पकडे जाने के बाद पूर्णिया के एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि आफताब की गिरफ्तारी के बाद शक्ति मलिक हत्याकांड सुलझ गया है. इस घटना में 7 लोग शामिल थे, जिसमें एक मास्टरमाइंड भी है. उन सबों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है. जिस हथियार से मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया उसे भी बरामद कर लिया गया है.
जिस चाकू से शक्ति मलिक पर वार किया गया,उसे भी बरामद किया गया. सभी प्रकार का तकनीकी अनुसंधान किया गया. पुलिस ने घटना के सारे पहलुओं का पता लगा लिया है. शक्ति मलिक की हत्या को अंजाम देने वाले घर के अंदर घुसकर बाथरूम में छिपे थे. शक्ति मलिक को घर में ही मार डाला गया था.
पूर्णिया एसपी ने कहा कि तेजस्वी, तेजप्रताप यादव और दूसरे आरजेडी नेताओं के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. शक्ति मलिक के परिजनों ने जिन 6 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. जिन 7 लोगों ने घटना को अंजाम दिया पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. सारे सबूत पुलिस के पास हैं. लिहाजा आरजेडी के किसी नेता पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.
गौरतलब है कि बिहार के पूर्णिया जिले में केहाट थाना क्षेत्र में एक दलित नेता की हत्या मामले में तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव समेत छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पिछले रविवार को नकाबपोश अपराधियों ने शक्ति मलिक के घर में घुसकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. इस मामले में मृतक की पत्नी खुशबू देवी के बयान के आधार पर तेजप्रताप, तेजस्वी, अनिल कुमार साधु (राजद एससी-एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष), मनोज, सुनिता और कालो पासवान के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मलिक की पत्नी ने राजनीतिक साजिश के तहत अपने पति की हत्या किए जाने का आरोप लगाया और कई नेताओं के नाम लिए थे. मलिक की पत्नी ने तेजस्वी और तेजप्रताप यादव पर 50 लाख रूपये मागने का आरोप लगाया था.
इस मामले के दर्ज होने के बाद बीजेपी और जेडीयू ने तेजस्वी और तेजप्रताप यादव पर ताबड़तोड़ हमला बोला था. डिप्टी सीएम सुशील मोदी लगातार तेजस्वी पर हमला बोल रहे थे. आज इस मामले का पटाक्षेप हुआ.