सासाराम में अमित शाह का कार्यक्रम रद्द होने पर बोले कुशवाहा..सुरक्षा देने में विफल साबित हुई नीतीश सरकार

सासाराम में अमित शाह का कार्यक्रम रद्द होने पर बोले कुशवाहा..सुरक्षा देने में विफल साबित हुई नीतीश सरकार

PATNA: नालंदा और सासाराम में हुई हिंसा की घटना पर राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उनका कहना है कि जब पर्व और त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होता था तब सरकार में बैठे लोग अपना पीठ थपथपाने लगते थे। यदि अच्छा होने पर पीठ थपथपा पूरा क्रेडिट लेते हैं तो गड़बड़ होने पर इसकी जिम्मेदारी क्यों नहीं ले रहे हैं। नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार सुरक्षा नहीं दे पा रही है इसलिए सासाराम में 2 अप्रैल को होने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम को रद्द किया गया है।  


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दावा करते थे कि बिहार में कही कोई तनाव नहीं है। लेकिन सासाराम के साथ-साथ उनके गृह जिले नालंदा में हिंसा की घटना हुई है। इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि कोई अचानक से यह घटना हो गयी। रामनवमी पर लोग जुलूस निकालते ही है। इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को भी थी। प्रशासन के लोगों को अलर्ट होना चाहिए था। लेकिन प्रशासन के लोगों के अलर्ट नहीं रहने के कारण इस तरह की घटना हुई। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- प्रशासन की लापरवाही, विफलता और कर्तव्यहीनता की वजह से सासाराम और नालंदा में हिंसा की घटना हुई है। हम लोगों से यह आग्रह करते हैं वे अफवाह में ना आएं। शांति और संयम से काम लें। तनाव का वातावरण ठीक नहीं है। 


2 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम सासाराम में था जिसे हिंसा की घटना को लेकर स्थगित कर दिया गया है। इस पर उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि बिहार सरकार सुरक्षा देने में विफल साबित हुई है। ऐसी सरकार के होने ना होने का कोई मतलब नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी साख खो बैठे है। प्रशासनिक काम में इनकी कोई रूची नहीं है। लेकिन जब तब के संवैधानिक कुर्सी पर वे बैठे हैं तब तक तो जनता को परेशानी से बचाएं। 


यह बिहार सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि सासाराम और नालंदा में शांति व्यवस्था बनाई जाए। हिंसा की घटना की वजह से अमित शाह सासाराम नहीं जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सासाराम दौरे को रद्द किया जा चुका है। इस घटना पर कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू के लोगों को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई। जब भी पर्व त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से होता था तब सरकार में बैठे लोग और नेता अपना पीठ थपथपाने लगते थे। अच्छा होने पर पीठ थपथपाने का क्रेडिट लेते है लेकिन गड़बड़ होने पर इसकी जिम्मेदारी लेने से पीछे हो जाते हैं। इस पूरी घटना के लिए बिहार सरकार दोषी है। जब पता था कि रामनवमी पर लोग जुलूस निकालते हैं तब पूरी तैयारी क्यों नहीं की गयी। वहीं गठबंधन को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि अभी गठबंधन को लेकर फैसला अभी नहीं हुआ है जब होगा तब हम इसे सार्वजनिक करेंगे।