PATNA: बिहार में 7 साल से शराबबंदी लागू है। बिहार में शराब पीने और बेचने की सख्त मनाही है। बिहार में शराब तो बंद हो गया लेकिन सूखे नशे का चलन काफी तेज से बढ़ रहा है। जिसके कारण मादक पदार्थ का कारोबार तेजी से बढ़ा है। जिससे बिहार की युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। इस बात की पुष्टि खुद आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने की है।
पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शराबबंदी की बाद की स्थितियों पर उन्होंने चर्चा की। नैयर हसनैन खान ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद से सुखा नशा का चलन काफी बढ़ गया है और इसका शिकार युवा हो रहे हैं। सुखे नशे के कारोबारी पर एनडीपीएस लगातार कार्रवाई की जा रही है।
वही आर्थिक अपराध इकाई द्वारा भी लगातार कार्रवाई कर रही है। अफीम की अवैध खेती का विनस्टीकरण किया जा रहा है। बिहार के साथ-साथ झारखंड के सीमावर्ती इलाके में अफीम की अवैध खेती की जाती है। एनसीबी के द्वारा अफीम की अवैध खेती के स्थलों की पहचान कर अफीम की खेती का विनस्टीकरण किया जाता है। गया जिले के बाराचट्टी एवं धनगई क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स डीएफओ से संबंध स्थापित कर जेसीबी ट्रैक्टर के माध्यम से अफीम की अवैध खेती का विनस्टीकरण कर रही है।
उन्होने कहा कि अफीम की अवैध खेती पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखा जा रहा है और विनष्टीकरण किया जा रहा है। किसानों के बीच स्थानीय प्रशासन के द्वारा लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है साथ ही किसानों को प्रोत्साहन के लिए मधुमक्खी पालन, सहजन की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। युवा पीढ़ी को बचाने की कोशिश की जा रही है।
भारत,नेपाल, पश्चिम बंगाल और झारखंड सीमावर्ती इलाके में कार्रवाई की जा रही है। इन क्षेत्रों में सूचना तंत्र को मजबूत कर संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। ए़़डीजी ने आमलोगों से अपील की है कि यदि उनके इलाके में भी मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है तो इस बात की सूचना उन तक पहुंचाए। सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाएगी और इस बात की खबर देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।