सदन में उठा कब्रिस्तान की घेराबंदी का मामला, मंत्री का जवाब सुन MLA ने अपनी ही सरकार को घेरा

सदन में उठा कब्रिस्तान की घेराबंदी का मामला, मंत्री का जवाब सुन MLA ने अपनी ही सरकार को घेरा

PATNA: बिहार विधानसभा में कब्रिस्तानों की घेराबंदी का मामला उठा। माले विधायक मनोज मंजिल ने अपनी ही सरकार से पूछा कि राज्य के कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम कबतक पूरा हो जाएगा। सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने जो जवाब दिया उसे सुनकर माले विधायक ने आपत्ति जताई और अपनी ही सरकार पर बरस पड़े। उन्होंने कहा कि डीएम-एसपी के साथ विधायकों को भी यह अधिकार मिले की कौन सी जगह संवेदनशील है वे उसका चयन कर सकें।


दरअसल, माले विधायक मनोज मंजिल ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी से जुड़ा मामला सदन में उठाया। माले विधायक ने कहा कि जब भी इस मुद्दे को उठाया जाता है तो सरकार की तरफ से जवाब दिया जाता है कि वह संवेदनशील नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 30 से अधिक ऐसे कब्रिस्तान हैं जिनकी घेराबंदी नहीं हो सकी है। जिन कब्रिस्तानों की घेराबंदी हुई भी थी उनकी दीवारे गिर गई हैं। जिन कब्रिस्तानों की घेराबंदी का सवाल उठाया है आखिर सरकार कबतक इस काम को पूरा कराएगी।


माले विधायक के सवाल का सरकार की तरफ से जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि इसका उत्तर पहले से दिया जा चुका है। इसपर माले विधायक ने कहा कि मंत्री जी क्या बोलते हैं किसी को सुनाई ही नहीं पड़ता है। जिसके बाद मंत्री ने दोबारा सरकार का जवाब सदन में सुनाया। उन्होंने कहा कि भोजपुर स्थित जिस कब्रिस्चान का मामला माले विधायक उठा रहे हैं वह सरकार की प्राथमिक सूची में नहीं है। 


मंत्री ने कहा कि जहां शांति व्यवस्था कायम है और जो जगह संवेदनशील नहीं हैं वहां घेराबंदी की जरुरत नहीं है। इसपर माले विधायक मेहबूब आलम ने सरकार के जवाब का किया विरोध किया और कहा कि डीएम-एसपी के साथ विधायकों को भी संवेदनशील जगहों के चयन का अधिकार दिया जाना चाहिए। इसपर बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने सवाल उटाया कि बिहार में गरीबों के बसने के लिए जमीन नहीं और हजारों एकड़ जमीन कब्रिस्तान को क्यों दिया जा रहा।