PATNA: क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विधानसभा या विधान परिषद में बोलने के मौके को टाला जा रहा है. विधानसभा में आज सरकार ने जो फैसला लिया उससे ऐसा ही सवाल उठ खडा हुआ है. दरअसल बिहार विधानसभा में गृह विभाग के बजट पर चर्चा होनी थी. लेकिन सरकार ने फैसला लिया है कि सदन में गृह विभाग के बजट पर चर्चा नहीं होगी. बता दें कि इस विभाग के मंत्री खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. किसी विभाग के बजट पर उस विभाग के मंत्री को बोलना पड़ता है. लेकिन अब न गृह विभाग के बजट पर चर्चा होगी और ना नीतीश कुमार को बोलना पड़ेगा।
दरअसल एक दिन पहले ही नीतीश कुमार ने सदन में जो कुछ कहा था उस पर भारी सियासी घमासान छिड़ा है. सोमवार को नीतीश कुमार ने सदन में कहा था कि वे अटल जी की केंद्र सरकार में वे गृह मंत्री थे. जबकि नीतीश कुमार कभी देश के गृह मंत्री नहीं रहे. नीतीश कुमार के इस बयान के बाद भारी सियासी घमासान मचा है. बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने तो नीतीश कुमार के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराने की मांग कर दी है.
गृह विभाग के बजट पर चर्चा नहीं होगी
मंगलवार को राज्य सरकार ने गृह विभाग के बजट पर चर्चा नहीं करने का रास्ता निकाला. बिहार विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलायी गयी. उसमें फैसला लिया गया कि गृह विभाग का बजट गिलोटिन कराया जायेगा. पहले ये समझिये कि गिलोटिन क्या होता है. दरअसल बिहार में ढेर सारे विभाग हैं. राज्य के बजट में उन तमाम विभागों के लिए पैसा का प्रावधान किया जाता है. नियम ये है कि सभी विभाग के बजट पर सदन में चर्चा हो. लेकिन सत्र की सीमित अवधि में सभी पर चर्चा करा पाना संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में कुछ विभागों के बजट पर चर्चा नहीं हो पाती है उसे बिना चर्चा के ही मतदान कराकर पास कर दिया जाता है. इसी प्रक्रिया को गिलोटिन कहते हैं. एक लाइन में कहें तो विधान मंडल के बजट सत्र में विभाग के बजट को बिना चर्चा कराये पारित कर देन की प्रक्रिया को गिलोटिन कहा जाता है.
भाजपा के विरोध के बावजूद लिया फैसला
विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति में जब ये फैसला लिया जा रहा था तो नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने इसका विरोध किया. लेकिन बहुमत सत्तारूढ़ गठबंधन के पास था लिहाजा कार्यमंत्रणा समिति से ये तय करा लिया गया कि बिहार के गृह विभाग का बजट बिना चर्चा के पास करा लिया जायेगा. उसे गिलोटिन कर दिया जायेगा.
इतिहास में पहली दफे हुआ ऐसा
बीजेपी के विधायकों ने सरकार के इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधानसभा के लंबे कार्यकाल में पहली बार ऐसा हो रहा कि गृह विभाग के बजट पर बहस नहीं हो रही है. ये सरकार बहस से भाग रही है. विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में एकतरफा फैसला ले लिया. सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में हमारी बात को अनसुनी कर दिया. विजय सिन्हा ने कहा कि पूरे बिहार में कानून व्यवस्था फेल है. हत्या, बलात्कार, अपहरण जैसे जघन्य अपराध चरम पर हैं. मुख्यमंत्री को हर विषय पर जवाब देना चाहिए. उन्हें अपने भ्रष्टाचारी उपमुख्यमंत्री पर भी जवाब देना चाहिये. लेकिन सरकार ने गृह विभाग के बजट पर भी बहस बंद करा दिया. ये बोलने से भाग रहे हैं.