PATNA: बिहार विधानसभा में आज बीजेपी ने शराबबंदी का मामला मजबूती के साथ उठाया। बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने सरकार से सवाल पूछा कि शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद बिहार में शराब कहां से बरामद हो रही है और लोगों की मौते हो रही है। इसपर विभागीय मंत्री सुनील कुमार ने सदन में माना कि शराबबंदी एक चनौतीपूर्ण काम है। बाहर से शराब राज्य के भीतर नहीं आए इसकी व्यवस्था की गई है। सदन में मंत्री ने माना बिहार में शराब अवैध कमाई का जरिया है।
दरअसल, बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद शराब बरामदगी का मामला बीजेपी ने विधानसभा में उठाया। बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने सदन में सरकार से सवाल पूछा कि बिहार में शराबबंदी के बाद शराब से कितनी मौतें हुईं हैं। इसके साथ ही बीजेपी विधायक ने शराब पीकर मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग सरकार से की। बीजेपी विधायक ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद से अबतक पांच लाख लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पूरे बिहार में शराब खुलेआम बिक रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने खुद माना है कि बिहार में भारी मात्रा में शराब की बरामदगी हो रही है। उन्होंने पूछा कि जब बिहार में शराबबंदी है तो इतनी शराब कहां से मिल रही है।
विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार सदन को बताया कि बिहार में शराबबंदी कानून दोनों सदनों की सर्वसम्मति से पारित किया गया था। शराबबंदी को ठीक ढंग से लागू करना एक चुनौती का काम है। राज्य की सीमा से जितने भी लगे हुए दूसरे राज्य है, सब खुला बॉर्डर है। ऐसे में उन सीमा क्षेत्रों में शराब को रोकने के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई हैं। वहीं जहरीली शराब से हुई मौतों पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि जो भी मौते हुई हैं उनका शराबबंदी से कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि शराब अवैध कमाई का एक जरिया है। इस दौरान उन्होंने शराब से हुई मौतों को लेकर दूसरे राज्यों के आंकड़े से बिहार की तुलना की। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को सीधे मुआवजा देने का प्रावधान शरबाबंदी कानून में नहीं है। मंत्री ने बताया कि बिहार में शराबबंदी कानून के तहत 749410 लोग गिरफ्तार हुए हैं।