राजद के हर मंत्री के सामने नीतीश बेबस? हत्या के आरोपी मंत्री इजरायल मंसूरी पर जांच का एलान कर चुप्पी साध गये, विधानसभा में भारी हंगामा

राजद के हर मंत्री के सामने नीतीश बेबस? हत्या के आरोपी मंत्री इजरायल मंसूरी पर जांच का एलान कर चुप्पी साध गये, विधानसभा में भारी हंगामा

PATNA: क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद के हर मंत्री के सामने पूरी तरह बेबस हो चुके हैं.  नीतीश कुमार ने 18 दिन पहले बिहार विधानसभा में ये एलान किया था कि वे राजद के मंत्री इजरायल मंसूरी पर लगे हत्या के आरोपों की जांच करायेंगे. नीतीश सरकार में राजद कोटे से मंत्री मंसूरी पर एक युवक की हत्या कराने का आरोप लगा है. अब पीडित परिवार कह रहा है कि मंत्री इजरायल मंसूरी दूसरी हत्या कराने की भी धमकी दे रहे हैं. शुक्रवार को  इस मसले पर बिहार विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. बीजेपी के सदस्य बार-बार पूछते रहे कि मंत्री को लेकर नीतीश कुमार की घोषणा का क्या हुआ. खुद नीतीश कुमार से ये सवाल पूछा गया कि आपकी घोषणा कहां गयी, मुख्यमंत्री खामोश बैठे रहे. 


शुक्रवार को बिहार विधानसभा की कार्रवाई शुरू होते ही बीजेपी के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बोलना शुरू किया-मुजफ्फरपुर के कांटी में राहुल सहनी नाम के युवक की हत्या हुई थी. बिहार सरकार के मंत्री इजरायल मंसूरी पर हत्या कराने का आरोप लगा था. मुख्यमंत्री ने इसी सदन में कहा था कि वे मामले की जांच करायेंगे. लेकिन अब मृतक राहुल की मां मंजू देवी को धमकी दी गयी है. कल रात मंजू देवी को कहा गया है कि पहले बेटे की हत्या की है अब दामाद को मार डालेंगे. मंजू देवी थाने में रो रही है,पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. सरकार बताये कि वह क्या कर रही है. मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि वे मामले की जांच करा रहे हैं. उस जांच का क्या हुआ. 


बीजेपी विधायकों के हंगामे के बावजूद सरकार की ओर से कोई बोलने को तैयार नहीं हुआ. मुख्यमंत्री सदन में नहीं पहुंचे. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव चुपचाप बैठे थे. नीतीश के खास माने जाने वाले मंत्री विजय चौधरी विपक्ष के हर मामले में बोलते रहे हैं. लेकिन राजद मंत्री के मसले पर वे भी चुप्पी साधे बैठे रहे. मंत्री इजरायल मंसूरी के मामले में काफी देर तक विधानसभा में हंगामा होता रहा. बीजेपी के विधायक सदन के वेल में धरना पर बैठ गये. लेकिन सरकार कोई जवाब देने को तैयार नहीं हुई.


इस बीच बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव ने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि मामले की जांच होगी. ये बात सदन में कही गयी है तो सरकार को बताना चाहिये कि जांच का क्या हुआ. उसमें क्या कार्रवाई हुई. प्रेशर में आये विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री विजय चौधरी को जवाब देने को कहा लेकिन जेडीयू ने तुरंत इसका काट निकाला. जेडीयू के एक औऱ मंत्री श्रवण कुमार बीच में बोलने के लिए उठ खड़े हुए. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले सदन का बहिष्कार कर रहे हैं और फिर वापस आ जा रहे हैं. वे नियम के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनके सवाल का जवाब सरकार क्यों दे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी को जवाब देने का अपना निर्देश वापस ले लिया. सरकार अपने आरोपी मंत्री पर जांच के मुख्यमंत्री के एलान के बारे में बालने से कन्नी काट गयी. 


इतने बेबस हो गये नीतीश?

विधानसभा में शाम में पहुंचे नीतीश कुमार से नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सीधे पूछा कि इजरायल मंसूरी के खिलाफ जांच कराने के आपके एलान का क्या हुआ. नीतीश कुमार चुपचाप बैठे रहे. विपक्षी विधायकों ने कई बार ये सवाल पूछा लेकिन मुख्यमंत्री खामोश बैठे रहे. ऐसा विधानसभा में कम ही मौके आये होंगे जब नीतीश कुमार से उनकी घोषणा को लेकर सीधे सवाल पूछा गया हो और वे खामोश बैठे रहे हों.


विधानसभा में शुक्रवार को हुए वाकये से इतना तो साफ हो गया कि बिहार सरकार अपने मुख्यमंत्री द्वारा सदन में की गयी घोषणा को भी रफा-दफा करना चाह रही है. बता दें कि पिछले महीने मुजफ्फरपुर के कांटी में राहुल सहनी नाम के युवक की हत्या कर दी गयी थी. उस क्षेत्र के विधायक इजरायल मंसूरी राज्य सरकार में मंत्री हैं. मृत युवक के परिजनों ने पुलिस को लिखित तौर पर आवेदन देकर कहा कि मंत्री इजरायल मंसूरी ने ये हत्या करवायी है. लेकिन मंत्री के रूतबे के सामने बेबस हुई पुलिस ने मृतक के परिजनों के आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिसकर्मी के बयान पर एफआईआर कर लिया और उसमें मंत्री इजरायल के नाम का कोई जिक्र नहीं किया. मृतक के परिजनों ने इसके खिलाफ पुलिस के तमाम आलाधिकारियों को आवेदन दिया लेकिन मंत्री का कुछ नहीं बिगड़ा.


इस मामले पर पिछले 28 फरवरी को ही बीजेपी के विधायकों ने बिहार विधानसभा में हंगामा किया था. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी विधायकों को कहा था कि वे मामले से संबंधित कागजात दें तो सरकार इसकी जांच करायेगी. लेकिन 18 दिन बाद भी सरकार ने ये नहीं बताया कि जांच में क्या नतीजा सामने आया. उधर पीड़ित परिवार कह रहा है कि मंत्री इजरायल मंसूरी अब दूसरी हत्या कराने की भी धमकी दे रहे हैं. सरकार कोई जवाब देने को तैयार नहीं है.


सत्ता के गलियारे में हो रही चर्चा के मुताबिक नीतीश कुमार राजद के एक और मंत्री के सामने बेबस हो गये हैं. विधानसभा में उन्होंने जांच कराने की बात तो कह दी लेकिन कार्रवाई का साहस नहीं जुटा पाये. राजद के मंत्री के सामने नीतीश कुमार की बेबसी पहली दफे सामने नहीं आयी है. शुरूआत सुधाकर सिंह के मामले से हुई थी. तत्कालीन कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कैबिनेट की बैठक में नीतीश कुमार को सीधा जवाब दे दिया था. बाद में जब मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस पर विवादित बयान दिया तो नीतीश ने उन्हें भी टोका था. तब चर्चा ये हुई कि चंद्रशेखर ने भी उन्हें जवाब दे दिया था. 


चर्चा ये है कि उसके बाद नीतीश कुमार ने राजद मंत्रियों के मामले में हस्तक्षेप करना बंद कर दिया है. राजद के एक मंत्री सुरेंद्र यादव ने जब भारतीय सेना को हिजड़ों की फौज करार दिया था तब सरकार की भारी फजीहत हुई थी. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने सुरेंद्र यादव पर हमला बोला लेकिन नीतीश खुद अपने मंत्री सुरेंद्र यादव से कुछ पूछने का साहस नहीं जुटा पाये. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जब सरकारी नियमों को ताक पर रख कर शिक्षक नियोजन की फाइल के मूवमेंट पर सार्वजनिक तौर पर बोलना शुरू किया तब भी नीतीश उन्हें कुछ नहीं कह पाये. लिहाजा एक बार फिर मंत्री