PATNA: बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच राजद विधायक दल की बैठक खत्म हो गयी है. तेजस्वी यादव के आवास पर लगभग ढ़ाई घंटे तक ये बैठक चली. बैठक के बाद पार्टी ने कहा है कि आगे के सारे फैसले लेने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अधिकृत कर दिया गया है.
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राजद सांसद मनोज झा ने कहा विधायक दल की बैठक बहुत ही सकारात्मक तरीके से हुई है. इसमें बिहार में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा हुई. मनोज झा ने कहा कि राजद विधायक दल की बैठक में सारे विधायक और विधान पार्षद मौजूद थे. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे.
नीतीश के एनडीए में जाने पर चर्चा
मनोज झा ने कहा कि राजद विधायकों की बैठक में नीतीश कुमार के एनडीए में जाने पर भी चर्चा हुई है. पार्टी के विधायकों से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है. राजद ने तय किया है कि वह अभी इंतजार करेगा. इस बैठक में ये तय हुआ है कि लालू जी जो फैसला लेंगे उसी के अनुसार सारे लोग काम करेंगे.
मनोज झा ने दावा किया कि राजद मौजूदा सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करेगी. राजद के सांसद ने कहा जिस सरकार की बुनियाद में इतने लोगों को नौकरी मिली है उसे सरकार को गिराने के बारे में हम लोग सोच सकते हैं क्या? तेजस्वी यादव के प्रयास से इस सरकार ने रोजगार दिया है, अस्पतालों का काया पलट कर दिया है. ऐसे में हम अपने सृजन किए हुए बच्चों की हत्या नहीं कर सकते. हमारे विधायकों ने लालू जी और तेजस्वी जी को कहा है कि आपको जो निर्णय लेना है आप लीजिए. हम मजबूती से आपके साथ हैं.
हालांकि खबर ये भी है कि लालू प्रसाद यादव ने कुछ अलग खेल करने की भी कोशिश की थी. लालू यादव के पास अभी कांग्रेस, माले, सीपीआई और सीपीएम का समर्थन है. इनके विधायकों की कुल संख्या 114 होती है. उन्हें एआईएमआईएम के एक विधायक के समर्थन की भी उम्मीद है. ऐसे में बहुमत के लिए 7 औऱ विधायकों की जरूरत है. लालू यादव ने जीतन राम मांझी से संपर्क साधा था. मांझी की पार्टी में 4 विधायक हैं.
खबर ये भी आयी कि लालू ने मांझी को सीएम बनाने तक का ऑफर दिया. लेकिन बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल किया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी काफी देर तक मांझी के घर पर जमे रहे. आखिरकार मांझी ने बीजेपी का साथ नहीं छोड़ने का फैसला लिया. चर्चा ये भी है कि लालू यादव ने जेडीयू के भी कुछ विधायकों से बात की थी. लेकिन वहां भी बात नहीं बनी.