PURNEA: पूर्णिया के बहुचर्चित रिंटू सिंह हत्याकांड में पुलिस को पहली कामयाबी मिली है। पुलिस ने इस हत्याकांड में लाइनर की भूमिका निभाने वाले दो नाबालिग को गिरफ्तारी किया गया है। पुलिस ने दोनों को बाल सुरक्षा गृह भेजा है। बताया जा रहा है कि दोनों ने रिंटू सिंह के बारे में आशीष सिंह उर्फ अटिया को सूचना दी थी।
पकड़े जाने के दौरान दोनों के चेहरे पर किसी भी तरह का कोई सिकन या भय नहीं था। दोनों ने बड़ी सहजता से पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया। पुलिस को जानकारी देने के दौरान एक नाबालिग ने कहा कि सर 10 मिनट पहले पकड़े रहते तो मेरे कोचिंग सेंटर के दोस्त भी जान जाते और मै आसानी से फेमस हो जाता।
नाबालिग की बात सुनकर पुलिस वाले भी दंग रह गए। एक नाबालिग भागलपुर के नवगछिया का रहने वाला है और दूसरा गांव के ही एक स्कूल में पढ़ता है। रिंटू सिंह के सरसी चौक पर रूकने की सूचना अटिया को इन्ही नाबालिग ने अपने मोबाइल से दी। मोबाइल का सिम एक नाबालिग के रिश्तेदार के नाम पर है।
12 नवंबर को जिला परिषद के पूर्व सदस्य रिंटू सिंह की सरेआम सरसी चौक पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप मंत्री लेसी सिंह के रिश्तेदार आशीष सिंह उर्फ अटिया पर लगाया गया। मृतक की पत्नी ने लेसी सिंह पर भी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था।
पूरे हत्याकांड को लेकर बिहार में खूब सियासत हुई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हत्या के आरोपियों पर सत्ता का संरक्षण होने का आरोप लगाया था। करीब दस दिन तक कोई गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे थे। बनमनखी एसडीपीओ कृपाशंकर आाजाद ने कहा कि बड़ी मशक्त के बाद दोनों लाइनरों की गिरफ्तारी हुई है।