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1st Bihar Published by: Updated Mon, 30 Nov 2020 07:28:45 AM IST
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RANCHI:सजायाफ्ता होने के बाद इलाज के लिए रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद यादव के पास मोबाइल रांची पुलिस की लापरवाही से पहुंचा था. रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने अपनी जांच रिपोर्ट में यही आरोप लगाया है. जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने अपनी रिपोर्ट रांची जिला प्रशासन को सौंप दी है. गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव पर फोन कॉल कर बिहार के विधायकों को प्रलोभन देने और सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप लगा है.
झारखंड के जेल आई जी वीरेंद्र भूषण ने इसकी पुष्टि की है कि जेल अधीक्षक की जांच रिपोर्ट को रांची के डीसी छवि रंजन को सौंप दिया गया है. जेल आईजी ने कहा कि सोमवार को रिपोर्ट की कॉपी उन्हें भी मिल जायेगी, जिसके बाद वे विस्तृत जानकारी दे पायेंगे.
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक रिम्स के केली बंगले में रह रहे लालू प्रसाद यादव के पास मोबाइल पहुंचने के लिए पुलिस को जिम्मेवार करार दिया गया है. जेल अधीक्षक ने कहा है कि जेल मैनुअल के मुताबिक किसी कैदी को मोबाइल के उपयोग की मंजूरी नहीं है. लेकिन केली बंगले में लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा और निगरानी के लिए रांची पुलिस तैनात थी. लिहाजा रांची पुलिस को ही लालू के पास मोबाइल पहुंचने के लिए जिम्मेवार माना जाना चाहिये.
जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों को किसी मुलाकाती की सघन जांच करने के बाद ही लालू से मिलने देने जाने चाहिये. लालू यादव के सेवादारों की भी जांच पड़ताल की जानी चाहिये थी. लेकिन पुलिसकर्मियों ने जांच में लापरवाही बरती और सुरक्षा के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह लालू प्रसाद यादव के फोन कॉल का ऑडियो क्लीप वायरल हुआ था. इस ऑडियो क्लीप में लालू प्रसाद यादव बीजेपी के विधायक ललन पासवान को ये कहते सुने जा रहे हैं कि वे विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के वक्त सदन से अनुपस्थित हो जायें. लालू यादव बीजेपी विधायक को मंत्री बनाने का भी प्रलोभन देते सुने जा रहे हैं. बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने इस ऑडियो क्लीप को जारी करते हुए लालू यादव पर कई आरोप लगाये थे. बीजेपी ने कहा था कि झारखंड सरकार ने लालू यादव को खुली छूट दे रखा है. जिससे लालू बिहार सरकार को अपदस्थ करने की साजिश रच रहे हैं.
इस मामले में बीजेपी के विधायक ललन पासवान ने पटना में निगरानी थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी है. बिहार के निगरानी विभाग ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. विधानसभा सत्र के दौरान भी बीजेपी विधायक ललन पासवान ने इस मामले को उठाया था.
अब इस मामले पर रांची के बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक की रिपोर्ट आयी है. इस रिपोर्ट से रांची पुलिस कठघरे में खड़ी हो गयी है. हालांकि रांची पुलिस जेल अधीक्षक की रिपोर्ट को सही मानने को तैयार नहीं है. रांची पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लालू प्रसाद यादव को जिस केली बंगले में रखा गया था, रांची पुलिस के जवान उस बंगले के बाहर तैनात किये गये थे. पुलिस के जवान इस पर कैसे नजर रख सकते थे कि बंगले के अंदर क्या हो रहा था. जेल प्रशासन ने लालू यादव को सेवादार उपलब्ध कराये थे. ये जेल प्रशासन का काम था कि वो देखे कि सेवादार क्या कर रहे हैं.
रांची पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जेल प्रशासन ही ये तय करता था कि लालू यादव से कौन कौन मिलने जायेगा. अगर मुलाकातियों में से किसी ने जेल मैनुअल का पालन नहीं किया तो ये देखना जेल प्रशासन का काम था. अब जेल प्रशासन अपनी नाकामी का ठीकरा पुलिस पर फोड़ने की तैयारी कर रहा है.
उधर, रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है. एसएसपी ने कहा कि उन्होंने अब तक रिपोर्ट नही देखी है. ऐसे में वे इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. सुरेंद्र कुमार झा ने कहा कि मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.