जमुई में पूर्व मुखिया पर तलवार से हमला, गंभीर हालत में पटना रेफर पूर्वी चंपारण के 11 अंचलाधिकारियों का वेतन रोका गया, कार्य में लापरवाही का आरोप बेतिया में हथियार लहराते दो युवकों का VIDEO VIRAL, पुलिस ने एक को पकड़ा, पूछताछ जारी RLJP ने CM नीतीश से की मांग, 70वीं BPSC परीक्षा रद्द कर री-एग्जाम की मांग पर विचार करें मुख्यमंत्री: श्रवण अग्रवाल BPSC द्वारा चयनित 36947 प्रधान शिक्षकों को किया जाएगा जिला आवंटन, शिक्षा विभाग ने 3 जिलों का मांगा विकल्प बोलेरो और बाइक की सीधी टक्कर में 3 युवकों की मौत, तीनों की पहचान करने में जुटी पुलिस पटना के 22 परीक्षा केंद्रों पर 4 जनवरी को BPSC का री एग्जाम, जिला प्रशासन और आयोग ने तैयारी की पूरी BIHAR CRIME : भूमि विवाद में एक की मौत, संदिग्ध स्थिति में शव हुआ बरामद; परिजनों में मातम का माहौल CBSE School: बैकफूट पर आए DEO, प्राइवेट स्कूल में उर्दू पढ़ाने का आदेश लिया वापस बीवी से झगड़ा के बाद पति ने बाइक सहित कुएं में लगा दी छलांग, 5 लोगों की दर्दनाक मौत, क्या है पूरा मामला जानिये?
25-May-2024 12:56 PM
Reported By:
DESK : बाबा रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अब क्रिमिनल केस चलेगा। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अब क्रिमिनल केस दर्ज किया जाएगा। एक अदालत ने इसकी इजाजत दे दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 3 जून को होगी। इस केस में रामदेव और बालकृष्ण को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की भी संभावना है।
दरअसल, बाबा रामदेव और बालकृष्ण दोनों पहले से ही सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर कार्यवाही का सामने कर रहे हैं। देश की सर्वोच्च अदालत ने उन्हें सशरीर पेश होने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जनता को गुमराह करने और उपभोक्ताओं के भरोसे का फायदा उठाने के लिए पतंजलि की आलोचना की और कंपनी को अखबारों में माफीनामा प्रकाशित करने का आदेश दिया।
अप्रैल, 2024 में ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा दायर मामले में केरल के कोझिकोड में फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई होनी है। ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 3 (बी) और 3 (डी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह निर्देश दिया था कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े अवमानना मामले में उनकी उपस्थिति अनिवार्य है।
पतंजलि आयुर्वेद और इसके संस्थापकों को अपने विज्ञापनों में किए गए दावों के लिए कई अदालतों में जांच का सामना करना पड़ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके कारण पतंजलि के कुछ विज्ञापनों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था। बीमारियों के इलाज में उनके उत्पादों के प्रभाव के बारे में झूठे दावों के लिए अवमानना नोटिस जारी किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने जनता को गुमराह करने और उपभोक्ताओं के भरोसे का फायदा उठाने के लिए पतंजलि की आलोचना की और कंपनी को अखबारों में माफीनामा प्रकाशित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ 1945 के ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स को लागू न करने के लिए केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई थी।