Manipur Internet ban: मणिपुर में फिर बिगड़े हालात, मैतई नेता की अरेस्टिंग के बाद बवाल; पांच जिलों में इंटरनेट बंद Manipur Internet ban: मणिपुर में फिर बिगड़े हालात, मैतई नेता की अरेस्टिंग के बाद बवाल; पांच जिलों में इंटरनेट बंद Bihar Crime News: गया की बेटी की दिल्ली में हत्या, पति गिरफ्तार BJP National President election : भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? जून में हो सकता है ऐलान,तीन बड़े नाम रेस में! Namo Bharat Rapid Express: 120kmph की गति से लोकल ट्रैक पर फर्राटे मारेगी मेट्रो, आरा से पटना-बक्सर जाना होगा आसान; किराया मात्र इतना Bihar News: बिहार का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट तैयार, जानिए... कब होगा चालू? Sultanganj Aguwani Bridge: फिर शुरू हुआ सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का निर्माण, नए डिजाइन के साथ इतने महीने में होगा तैयार Bihar Crime News: शिवहर में युवक की गोली मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस Bihar Weather: राज्य में इस दिन से भारी बारिश, IMD ने जारी कर दी चेतावनी सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 May 2024 12:56:35 PM IST
- फ़ोटो
DESK : बाबा रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अब क्रिमिनल केस चलेगा। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अब क्रिमिनल केस दर्ज किया जाएगा। एक अदालत ने इसकी इजाजत दे दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 3 जून को होगी। इस केस में रामदेव और बालकृष्ण को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की भी संभावना है।
दरअसल, बाबा रामदेव और बालकृष्ण दोनों पहले से ही सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर कार्यवाही का सामने कर रहे हैं। देश की सर्वोच्च अदालत ने उन्हें सशरीर पेश होने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जनता को गुमराह करने और उपभोक्ताओं के भरोसे का फायदा उठाने के लिए पतंजलि की आलोचना की और कंपनी को अखबारों में माफीनामा प्रकाशित करने का आदेश दिया।
अप्रैल, 2024 में ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा दायर मामले में केरल के कोझिकोड में फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई होनी है। ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 3 (बी) और 3 (डी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह निर्देश दिया था कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े अवमानना मामले में उनकी उपस्थिति अनिवार्य है।
पतंजलि आयुर्वेद और इसके संस्थापकों को अपने विज्ञापनों में किए गए दावों के लिए कई अदालतों में जांच का सामना करना पड़ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके कारण पतंजलि के कुछ विज्ञापनों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था। बीमारियों के इलाज में उनके उत्पादों के प्रभाव के बारे में झूठे दावों के लिए अवमानना नोटिस जारी किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने जनता को गुमराह करने और उपभोक्ताओं के भरोसे का फायदा उठाने के लिए पतंजलि की आलोचना की और कंपनी को अखबारों में माफीनामा प्रकाशित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ 1945 के ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स को लागू न करने के लिए केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई थी।