DELHI: ज्यादा दिनों की बात नहीं है जब चिराग पासवान खुद को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते थे। लेकिन नरेंद्र मोदी उनके राम नहीं बन पाये. दिल्ली के जिस बंगले में चिराग पासवान पिछले 32-33 सालों से रह रहे थे, वहां से उनका सामान बाहर निकाल कर फेंक दिया गया। बेघर चिराग ने कहा-दिल्ली में मेरे पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है. इसलिए नानी के घर रहने जा रहा हूं।
चिराग पासवान औऱ उनकी मां ने आज सुबह बंगला बचाने की आखिरी कोशिश की थी। रीना पासवान ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 12, जनपथ के बंगले में रहने देने की गुहार लगायी थी। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका सुनने से इनकार कर दिया. लिहाजा उनके पास घर छोड़कर जाने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। चिराग पासवान आज अपनी मां और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ 12 जनपथ का बंगला छोड़कर चले गये।
जाने से पहले चिराग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 12, जनपथ का बंगला तो खाली करना ही था, लेकिन जिस तरह से केंद्र सरकार ने उनके साथ व्यवहार किया उसका मलाल जरूर रह गया है. चिराग ने कहा-दिल्ली में मेरे पास रहने के लिए कोई घर नहीं है, इसलिए नानी के घर जा रहा हूं. अब वही मेरा ठिकाना होगा. चिराग बोले कि वे दूसरी दफे के एमपी हैं लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें उस तरह का घर रहने को नहीं दिया. स्व. रामविलास पासवान के समय से ही इस बंगले में काम करने वाले लगभग 100 लोग यहीं रहते थे, अब वे सब बेघर हो गये. इसका भी दुख है. मुझसे जितना संभव हो पायेगा, उनकी उतनी मदद करूंगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने उन्हें पिछले साल ही 12 जनपथ का बंगला खाली करने का नोटिस दिया था. बुधवार को ही सरकार का दस्ता उनसे जबरन बंगला खाली कराने पहुंच गया. इसके बाद चिराग पासवान ने घऱ खाली कर दिया है. ये बंगला स्व. रामविलास पासवान के नाम पर आवंटित था. उनकी मौत के लगभग डेढ़ साल बाद तक चिराग पासवान इसी बंगले में बने रहे. केंद्र सरकार ने रामविलास पासवान की मौत के बाद तीन दफे उन्हें घर खाली करने का नोटिस दिया था. पिछले साल चिराग पासवान ने कहा था कि अपने पिता की पहली पुण्यतिथि के बाद वह बंगला खाली कर देंगे. लेकिन बंगला खाली नहीं किया. केंद्र सरकार ने जब टीम भेजा तो चिराग को बंगले से बेदखल होना पड़ा।
काम नहीं आया नरेंद्र मोदी का गुणगान
हालांकि चिराग ही नहीं बल्कि उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी सरकार उनसे बंगला खाली नहीं करायेगी. बिहार में एनडीए से अलग होने से लेकर पार्टी के टूटने के बावजूद चिराग पासवान नरेंद्र मोदी के समर्थन में ही बोलते रहे. वे अक्सर खुद को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते रहे. चिराग को उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी उन्हें बंगले से बेदखल नहीं होने देंगे. लेकिन उम्मीद पूरी नहीं हुई।
अहम बात ये है कि इसी बंगले से चिराग पासवान अपनी पार्टी लोजपा (रामविलास) का काम भी चला रहे थे. उनकी पार्टी के प्रधान कार्यालय का पता-12, जनपथ ही है. पार्टी की बैठक से लेकर दूसरी गतिविधियां वहीं से संचालित हो रही थीं. सवाल ये भी है कि चिराग पासवान अब कहां से पार्टी को संचालित करेंगे।