PATNA : बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. पटना के मौर्या होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में सीतामढ़ी रक्तदाता समूह का डंका बजा और बिहार से कुल 62 पुरस्कारों में सीतामढ़ी को 19 अवार्ड मिले. ये टीम अव्वल रही.
रक्तदाता समूह सीतामढ़ी के टीम प्रबंधन से जुड़े आशुतोष कुमार ने बताया कि रक्तदाता समूह सीतामढ़ी ने इस वर्ष रक्तदान के क्षेत्र में सर्वाधिक पुरस्कार जीतकर इस क्षेत्र में बिहार में अपना डंका बजा दिया है. एक वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक कैंप और सर्वाधिक रक्तदान के साथ-साथ टीम सीतामढ़ी ने अपने 17 रक्त वीरों के साथ एक वित्तीय वर्ष में चार बार रक्तदान कराकर नया रिकॉर्ड बनाया है.
गौरतलब हो कि गत वित्तीय वर्ष में पूरे बिहार से कुल 16 लोगों ने चार बार रक्तदान किया था, जबकि इस वर्ष सीतामढ़ी से ही 17 लोग चार बार रक्तदान किए हैं जिसमें 2 महिलाएं शामिल हैं. वित्तीय वर्ष 2020 = 21 में सीतामढ़ी टीम द्वारा द्वारा मानक के अनुसार सर्वाधिक 10 स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाया गया जिसमें 632 यूनिट रक्त संग्रह किया गया.
रक्तदाता समूह सीतामढ़ी के सदस्यों में डॉक्टर प्रतिमा आनंद , सुमन सर्राफ, पंकज कुमार अमर आनंद, अमरनाथ कुमार, राजीव कुमार, दीपक कुमार, अभिषेक कुमार, अजय कुमार मिश्र, मानस जालान, संजय कुमार ,सौरभ पटेल, साजिद अनवर खान, सुनील कुमार अशोक कुमार ,कुमुद कुमार चौधरी तथा नीरज कुमार गोयनका ने गत वित्तीय वर्ष में चार चार बार रक्तदान किया. कार्यक्रम में बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत कार्यपालक निदेशक संजय कुमार बिहार के औषधि निरीक्षक कौशल किशोर बिहार रक्ताधान परिषद के डॉक्टर नरेंद्र कुमार गुप्ता सहित बड़ी संख्या में बिहार के विभिन्न जिलों से आए रक्तदाता एवम रक्तदान से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित थे.
कार्यक्रम में अपनी मांग रखते हुए सीतामढ़ी के टीम लीडर नीरज कुमार गोयनका ने कहा कि वर्ष में पुरुषों के लिए 4 और महिलाओं को के लिए तीन बार रक्तदान के मानक के साथ-साथ नेगेटिव रक्त समूह के लोगों के लिए भी तीन बार रक्त देने पर सम्मानित करने , सभी प्रकार के अवार्ड की श्रेणी की घोषणा एवं उनके मानको का चयन पूर्व में करने तथा सुदूर ग्रामीण इलाकों में शिविर लगाने के लिए मूवबेबल डोनेशन चेयर सभी ब्लड बैंकों को उपलब्ध कराने की भी मांग रखी. सीतामढ़ी के लिए विशेष रूप से रक्त को वर्गीकृत करने वाली ब्लड सेपरेटर मशीन लगाने की भी मांग की गई. इन सभी मांगों पर उन्हें आश्वासन मिला है.