नीतीश कसीदे गढ़ते रहे और राहुल गांधी खामोश बैठे सुनते रहे: जानिये सुशासन बाबू और राहुल के बीच मुलाकात में क्या हुई बात

नीतीश कसीदे गढ़ते रहे और राहुल गांधी खामोश बैठे सुनते रहे: जानिये सुशासन बाबू और राहुल के बीच मुलाकात में क्या हुई बात

DELHI : 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को उखाड फेंकने का दावा करते हुए सोमवार को नीतीश कुमार ने जब दिल्ली में एंट्री मारी तो उनका सबसे पहला ठिकाना था-कांग्रेस नेता राहुल गांधी का घऱ. अपने पूरे कुनबे के साथ राहुल गांधी से मिलने पहुंचे नीतीश की मुलाकात की दिलचस्प कहानी सामने आय़ी है. तकरीबन पौने घंटे की मुलाकात की जो जानकारी सामने आ रही है वह वाकई रोचक है. फर्स्ट बिहार आपको नीतीश कुमार और राहुल गांधी के बीच हुई मुलाकात की हर बात की जानकारी दे रहा है.


ऐसे हुई राहुल गांधी से नीतीश की मुलाकात

फर्स्ट बिहार ने राहुल गांधी और नीतीश कुमार की मुलाकात के बारे में दोनों पार्टियों के नेताओं से बात की. उन नेताओं ने ऑफ द रिकार्ड जो बातें बतायीं वो वाकई दिलचस्प है. कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान देश में विपक्षी एकता या भाजपा के खिलाफ गोलबंदी पर कोई गंभीर चर्चा नहीं हुई.  राहुल गांधी ने नीतीश कुमार को मिलने के लिए सोमवार की शाम 6 बजे का टाइम दिया था. नीतीश अपने कुनबे के साथ टाइम से कुछ पहले ही राहुल गांधी के 12, तुगलक लेन स्थित आवास पर पहुंच गये. उनके साथ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा औऱ अशोक चौधरी भी थे. 


राहुल गांधी की तारीफों के पुल

कांग्रेस के नेता ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान जितने लोग मौजूद थे उससे पहले ही साफ हो गया था कि नीतीश और राहुल गांधी के बीच कोई गंभीर बात नहीं होनी है. नीतीश कुमार के चार सलाहकारों के सामने राहुल गांधी कोई गंभीर बात कर ही नहीं सकते थे. बातचीत की शुरूआत दुआ सलाम से हुई औऱ फिर नीतीश औऱ उनके साथ गये जेडीयू नेताओं ने बोलना शुरू किया. कांग्रेसी नेता ने बताया कि नीतीश औऱ उनके सहयोगियों ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से लेकर रविवार को दिल्ली में हुई हल्ला बोल रैली की जमकर तारीफ की. वे कह रहे थे कि राहुल गांधी ने सही मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा है. 


हम तो कांग्रेस का ही काम आसान कर रहे हैं

कांग्रेस के सीनियर लीडर ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ज्यादातर चुप ही रहे. वे बीच-बीच में एक-दो लाइन बोल दे रहे थे लेकिन ज्यादातर बातें नीतीश कुमार और उनके सहयोगी ही कर रहे थे. राहुल गांधी के सामने भी नीतीश कुमार ने सफाई दी कि वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं. कांग्रेसी नेता के मुताबिक नीतीश तो यहां तक बोल गये कि वे कांग्रेस का काम ही तो आसान कर रहे हैं. देश में अगर विपक्षी पार्टियों की एकता होती है तो इसका फायदा कांग्रेस को ही मिलना है. अगर बीजेपी के खिलाफ सारी पार्टियां गठबंधन कर लेती हैं तो उस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ही रहेगी. जाहिर तौर पर अगर ये गठबंधन बीजेपी को हरा देगा तो प्रधानमंत्री पद पर कांग्रेस का ही दावा होगा. नीतीश और उनके सहयोगियों ने तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव से हुई बात का ब्योरा भी रखा. राहुल गांधी से नीतीश कुमार बोले- के. चंद्रशेखर राव कह रहे थे कि कांग्रेस को छोड़ कर बाकी विपक्षी पार्टियों का गठबंधन बने. लेकिन मैंने इससे साफ इंकार कर दिया. मैंने उन्हें बता दिया कि कांग्रेस को बिना साथ लिये बीजेपी को परास्त कर पाना संभव नहीं है. 


कांग्रेस के नेता ने फर्स्ट बिहार को बताया कि नीतीश कुमार की इन बातों को सुनकर भी राहुल गांधी ने ज्यादा रिएक्ट नहीं किया. ज्यादातर बातों को सुन कर राहुल गांधी मुस्कुराते रहे. पूरी बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने अपनी ओर से नीतीश को कोई टास्क या सलाह नहीं दी. हां, वे कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा से लेकर मंहगाई और रोजगार जैसे मुद्दे पर अपनी पार्टी की नीतियों पर थोड़ी बातें करते दिखे. दो-चार लाइन की बातचीत मोदी सरकार के मीडिया मैनेजमेंट पर भी हुई. राहुल गांधी ने नीतीश कुमार के दौरे को लेकर कोई उत्सुकता नहीं दिखायी. लेकिन नीतीश ने उन्हें ये जरूर बताया कि वे दिल्ली में किन-किन नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं. 


कांग्रेसी नेता ने जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार और राहुल गांधी के बीच हुई मुलाकात एक औपचारिक मुलाकात के अलावा कुछ और नहीं था. नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की प्लानिंग में राहुल गांधी ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखायी. ना ही नीतीश कुमार को लेकर कोई राहुल गांधी के आवास पर कोई गर्मजोशी दिखाई पड़ी. चाय-पानी के साथ लगभग पौने घंटे तक बातचीत हुई और आखिर में राहुल गांधी ने नीतीश कुमार के साथ तस्वीर खिंचवाने की रस्म अदायगी की. तस्वीर खिंचवाने के साथ ही ये बहुचर्चित मुलाकात खत्म हो गयी.


ये दीगर बात है कि राहुल गांधी से मिलने से पहले नीतीश और उनकी पार्टी ताबड़तोड़ सफाई देने में लगी थी. इस मुलाकात के एक दिन पहले से ही जेडीयू के नेता ये चीख चीख कर बता रहे थे कि नीतीश प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं है. राहुल गांधी से मुलाकात से पहले खुद नीतीश कुमार ने पटना से लेकर दिल्ली में बयान दिया कि वे पीएम पद की रेस में नही हैं. वे तो सिर्फ भाजपा को परास्त करने की मुहिम में लगे हैं. 5 सितंबर को नीतीश से राहुल गांधी की मुलाकात होनी थी और उससे एक दिन पहले जेडीयू ने आधिकारिक बयान जारी कर ये सफाई दी कि देश में बीजेपी को परास्त करने की कोई भी रणनीति कांग्रेस को छोड़ कर तैयार नही की जा सकती. 


लेकिन तमाम सफाई और तारीफ के बावजूद राहुल गांधी पिघलते हुए नहीं दिखे. राहुल-नीतीश मुलाकात की जो कहानी फर्स्ट बिहार को कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया, उसकी पुष्टि के लिए हमने जेडीयू के कुछ प्रमुख नेताओं से भी संपर्क साधा. उन्होंने इन बातों की पुष्टि नहीं की लेकिन खंडन भी नहीं कर सके. वैसे कांग्रेस की ओर से नीतीश-राहुल की मुलाकात पर जो आधिकारिक प्रतिक्रिया आयी वह भी कई बातें साफ कर गयीं. नीतीश से मुलाकात पर राहुल गांधी ने अपनी ओर से ट्विटर या दूसरे सोशल मीडिया फोरम पर कोई जानकारी नहीं दी. कांग्रेस पार्टी की ओर से एक फोटो ट्विट कर सिर्फ इतनी जानकारी दी गयी कि नीतीश कुमार ने आज राहुल गांधी के आवास पर आकर उनसे मुलाकात की.