PATNA : राजधानी पटना में 1 अक्टूबर से शहरी क्षेत्र में डीजल से चलने वाली सिटी बसों पर रोक लगनी है। परिवहन विभाग की अधिसूचना के अनुसार 30 सितंबर की आधी रात के बाद पटना नगर निगम के साथ-साथ दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ में डीजल चालित सिटी बसें नहीं चलाई जाएगी विभाग के निर्देश को देखते हुए जिला परिवहन कार्यालय ने भी डीजल बेसन के परिचालन पर रोक लगा दी है।
दरअसल, पिछले दिनों परिवहन विभागके तरफ से एक अधिसूचना जारी की गयी थी। राजधानी के कई इलाकों में वायु प्रदूषण का मामला तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में विभाग ने यह निर्णय लिया है कि पटना नगर निगम के साथ ही साथ दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ इलाके में डीजल चालित बसों के परिचालन पर 30 सितंबर की आधी रात के बाद से रोक लगा दिया जाएगा। अब इसी आदेश का पालन करते हुए डीजल बस के परिचालन पर रोक लगा दी है।
वहीं,पटना के डीटीओ श्रीप्रकाश ने बताया कि विभाग की ओर से समय-सीमा बढ़ाए जाने से जुड़ा कोई नया आदेश जारी नहीं हुआ है। ऐसे में एक अक्टूबर से नए नियमों का अनुपालन कराया जाएगा। पटना और आसपास के शहरी इलाकों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए परिवहन विभाग ने मार्च में ही इसकी अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया है कि डीजल से चलने वाली सिटी बसों से तुलनात्मक रूप से अधिक प्रदूषित गैस का उत्सर्जन होता है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।इस कारण सार्वजनिक सुरक्षा एवं सुविधा के दृष्टिकोण से ऐसे वाहनों का परिचालन चरणबद्ध ढंग से प्रतिबंधित किया जाएगा। डीजल चालित बसों पर रोक का आदेश 30 सितंबर की मध्य रात्रि से लागू हो जाएगा।
अगले दो दिन अवकाश है, ऐसे में विभाग के स्तर से समय-सीमा बढ़ाए जाने की संभावना कम है। विभाग ने डीजल सिटी बसों की जगह सीएनजी बसों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। सिटी बस प्रोत्साहन योजना के तहत सिर्फ पटना जिले में 121 लाभुकों का चयन कर सीएनजी बसों के लिए 30 प्रतिशत एवं अधिकतम साढ़े सात लाख रुपये तक अनुदान भी दिया जाना था। इसके लिए आवेदन भी मांगे गए थे।
मगर लक्ष्य के अनुरूप नई सीएनजी बसों का परिचालन शुरू नहीं हो सका। डीजल चालित आटो पर पहले से है रोक प्रदूषण को देखते हुए परिवहन विभाग ने पहले ही पटना शहरी क्षेत्र में डीजल चालित आटो पर रोक लगा रखी है। पटना, फुलवारीशरीफ, दानापुर और खगौल में डीजल से चलने वाले आटो पर पूर्णत: प्रतिबंध है। इसकी जगह सीएनजी और बैट्री चालित आटो को बढ़ावा दिया जा रहा है।