पूर्व विधायक की पत्नी ने बनाया सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी का रिकॉर्ड, नॉमिनेशन के बाद चुनावी मैदान में उतरीं पानमती देवी

 पूर्व विधायक की पत्नी ने बनाया सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी का रिकॉर्ड, नॉमिनेशन के बाद चुनावी मैदान में उतरीं पानमती देवी

GOPALGANJ:  पंचायत चुनाव में सबसे अधिक उम्र की प्रत्याशी होने का रिकॉर्ड गोपालगंज की पानमती देवी ने बनाया है। 80 वर्षीय पानमती देवी आज विजयीपुर प्रखंड कार्यालय में वार्ड सदस्य पद के लिए नामांकन दाखिल किया। 80 साल की उम्र में पूर्व विधायक की पत्नी का पर्चा भरना आज पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। बुजुर्ग महिला पानमती देवी ने अपने पति के विधानसभा क्षेत्र को चुना और पंचायत चुनाव में वार्ड सदस्य के पद पर चुनाव लड़ने के लिए चुनावी मैदान में उतर गयी। 


विजयीपुर प्रखंड कार्यालय में नामांकन के दौरान प्रत्याशियों की भारी भीड़ देखी गयी। प्रत्याशी अपने-अपने समर्थकों के साथ नॉमिनेशन करने पहुंचे। इस दौरान कार्यालय में प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थक भी बड़ी तादाद में आएं। लेकिन इन सबके बीच विजयीपुर के सहडियरी गांव की रहने वाली 80 वर्षीय बुजुर्ग पानमती देवी अपने दो बेटों के साथ पैदल ही नॉमिनेशन के लिए प्रखंड कार्यालय पहुंच गयी। जहां पंगरा पंचायत के वार्ड 3 से वार्ड सदस्य के लिए उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। 


गौरतलब है कि 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला पानमती देवी के पति विधायक थे। उनका नाम स्व. बद्री राम है जो भोरे विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं। पानमती देवी के पति बद्री राम साल 1962  तथा 1967 में भोरे विधानसभा क्षेत्र से दो बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। ये लगातार दस साल तक विधायक रहे। दो साल पूर्व पूर्व विधायक बद्री राम का निधन हो गया। अब उनकी पत्नी पानमती देवी इस उम्र में वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने निकली हैं। पानमती द्वारा नामांकन पत्र भरे जाने की चर्चा इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ  है।  


पानमती देवी ने बताया कि उनके 2 बेटे हैं तीसरे बेटे की मौत बीमारी से हो गयी थी। दोनों बेटे घर पर रहकर खेती का काम करते हैं। नामांकन दाखिल करने के वक्त भी दोनों बेटे साथ थे। पानमती देवी ने यह भी बताया कि उनके पति ने गरीबोंं की सेवा करने मेंं अपना पूरा जीवन लगा दिया। अब वह अपने वार्ड में विकास कार्य करना चाहती है इसलिए वार्ड सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ने का मन बनाया हैं। हालांकि उम्र के इस पड़ाव में पानमती देवी द्वारा चुनाव लड़ने को लेकर लिए गये इस फैसले से इलाके के लोग भी सकते में हैं।