PURNIA : पूर्णिया में बायोमेट्रिक से वोटिंग देने के बाद बैंक खातों से वोटरों का पैसा गायब होने के मामले में आज जिला पदाधिकारी ने जांच की रिपोर्ट के संबंध में पत्रकारों से बातचीत की है. जिला पदाधिकारी का कहना है कि एक सक्रिय गिरोह फिंगर प्रिंट के नाम पर विभिन्न बैंकों से खाताधारकों के पैसे गायब कर रहा था. यह सिर्फ बीते 29 नवंबर को हुए वोटिंग के बाद की बात नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई बैंक खाताधारकों के पैसे फिंगरप्रिंट के माध्यम से निकाले गए थे.
डीएम ने स्पष्ट तौर पर बताया कि इस अवैध निकासी से चुनाव का कोई भी संबंध नहीं है. दरअसल जिला प्रशासन को बायसी प्रखंड क्षेत्र में 29 नवंबर को हुए चुनाव के बाद 30 आवेदन मिले, जिसमें बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट के माध्यम से बगैर जानकारी के उनके खाते से पैसे निकाले गए थे. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने जब अपनी कार्रवाई की तो उन्हें पता चला कि 30 में से छह ऐसे लोग थे जिन्होंने वोट डाला ही नहीं था. बाकी के 24 में से 3 लोगों के खाते से 28 तारीख से पहले ही पैसे निकले है, जिसका वोटिंग से कोई लेना-देना नहीं था.
बाकी अन्य लोगों के खाते से 29 नवंबर के बाद पैसे निकले हैं. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो यह स्पष्ट हुआ कि चुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं है. बल्कि क्षेत्र में सक्रिय गिरोह बीते 4 माह से माइक्रो फाइनेंसिंग, होम लोन छोटे समूह लोन के नाम पर लोगों से फिंगरप्रिंट एकत्रित करता था. जिस मामले में अमौर के एक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जिसे पुलिस ने जेल भी भेजा था. उसके पास से बायोमेट्रिक, रबर के मोहर और फिंगरप्रिंट के सैंपल तथा लैपटॉप भी बरामद हुए थे. जिला पदाधिकारी राहुल कुमार ने स्पष्ट तौर पर बताया है कि इसका चुनावी वोटिंग से कोई लेना-देना नहीं है.