पूर्णिया में भागवत कथा के पांचवे दिन किया गया गोवर्धन पूजा, भगवान श्री कृष्ण को 56 प्रकार के भोग लगाए गए

पूर्णिया में भागवत कथा के पांचवे दिन किया गया गोवर्धन पूजा, भगवान श्री कृष्ण को 56 प्रकार के भोग लगाए गए

PURNEA : पूर्णिया के ई होम्स पनोरमा में आयोजित सात दिवसीय श्री-श्री 1008 श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के पाँचवे दिन बुधवार को कथा वाचक गुप्तेश्वर पांडे जी महाराज ने कृष्ण की बाल लीलाओ और गोवर्धन पूजा के प्रसंग विस्तार से सुनाए. श्री-श्री 1008 श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में गोवर्धन पर्वत की कृत्रिम आकृति-झांकी के माध्यम से दर्शाई गई.



वहीं भगवान श्री कृष्ण को 56 प्रकार के भोग लगाए गए. प्रवंचन में गुप्तेश्वर जी महाराज ने कहा की भगवान श्री कृष्ण ने पृथ्वी पर धर्म व सत्य की पुन: स्थापना के लिए द्वार पर युग में अवतार लिया. उन्होने बाल्य अवस्था में ही कालीय नाग का मर्दन करके यमुना जी को पवित्र किया. पूतना एवं बकासुर आदि मायावी शक्तियो का अंत किया.



बृज भूमि में आतंक के प्रयायी कंश मामा का वध करके अपने माता-पिता देवकी-वसुदेव और नाना महाराज उग्रसेन को कारागार से मुक्त कराया. गोवर्धन पूजा में प्रकृति की पूजा का उल्लेख किया गया. गायको द्वारा एक से बढ़कर एक भजन सुनाए गए. भजनो पर श्रद्धालु झूम उठे.