PURNEA: 26 जुलाई 2024 को पूर्णिया के सहायक थाना इलाके में स्थित तनिष्क ज्वेलरी शॉप में दिन के करीब 12 बजे अज्ञात अपराधियों ने लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। तनिष्क ज्वेलरी शोरूम के स्टाफ को बंधक बनाकर 3 करोड़ 70 लाख रुपये का ज्वेलरी और एक स्टाफ का मोबाइल लूट लिया था। इस लूटकांड मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पूर्णिया आईजी शिवदीप लांडे ने बड़ा एक्शन लिया है।
इस मामले में सहायक खजांची थाना प्रभारी, थाने के सभी पुलिस कर्मी और सदर एसडीपीओ की लापरवाही सामने आने के बाद विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ निलंबन की कार्रवाई की अनुशंसा की है। पूर्णिया आईजी शिवदीप लांडे ने इस लूटकांड मामले में कार्रवाई की अनुशंसा की है। सहायक खजांची हाट थाना के कर्मचारियों और सदर एसडीपीओ के आचरण को संदिग्ध बताया है।
पूर्णिया आईजी शिवदीप लांडे द्वारा जारी किए गए लेटर में इस बात का जिक्र है कि तनिष्क ज्वेलरी शॉप पूर्णिया शहर के बीचो-बीच एवं भीड़-भाड़ वाले इलाके में स्थित है। जहाँ दिनदहाड़े अपराधियों ने लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। जो थानाध्यक्ष और थाने के सभी पुलिस पदाधिकारी/कर्मी की कार्यशैली पर बड़ा सवाल है। थाने में गश्ती के लिए चार पहिया वाहनों के अतिरिक्त मोटरसाईकिल गश्ती की भी सुविधा दी गई है लेकिन घटना के वक्त पुलिस की गश्ती नहीं पायी गई थी।
इसके अलावे घटना के दो माह से अधिक बीत जाने के बावजूद इस लूटकांड में कार्रवाई के नाम पर अभी तक 12 अभियुक्तों की गिरफ्तारी और 02 देसी कट्टा, 04 मोटरसाईकिल बरामद किया गया है। लूटी गई ज्वेलरी में से अभी तक सिर्फ एक हीरे की अंगूठी ही बरामद की गयी है। जो बरामदगी के नाम पर खानापूर्ति प्रतीत होता है।
उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि तनिष्क ज्वेलरी शॉप के कर्मचारी का लूटा गया मोबाइल भी अभी तक बरामद नहीं हुआ है और लूटकांड के मुख्य साजिशकर्ता के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विदित हो कि बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रासंगिक पत्र के माध्यम से विषयांकित कांड में लूटे गये आभूषणों की बरामदगी नहीं होने का टिप्पणी करते हुए निकटतम अनुश्रवण कर कांड को तार्किक परिणाम तक पहुँचाने का निर्देश दिया गया है।
इस संबंध में इस कार्यालय का ज्ञापांक-2278/अप० शा० दिनांक-28.08.2024 के माध्यम से कांड में की गई कार्रवाई गिरफ्तारी, बरामदगी से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन दो दिनों के अन्दर माँगी गई थी, जो अब तक अप्राप्त है। इतनी बड़ी घटना घटित होने के उपरान्त इस प्रकार का उदासीन रवैया थानाध्यक्ष, सहायक थाना एवं थाना के सभी पदाधिकारी/कर्मी के मनमानेपन को दर्शाता है। साथ ही थानाध्यक्ष का अपने क्षेत्र में आसूचना संकलन में भी विफल है एवं थाना क्षेत्र में अपराध नियंत्रण में भी इनकी रूचि नहीं है।
पूर्णिया आईजी ने पूछा है कि इस संबंध में क्यों न थानाध्यक्ष, सहायक थाना एवं थाने में पदस्थापित सभी पुलिस पदाधिकारी/कर्मी के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई की जाय। उक्त घटित घटना के संबंध में पुष्कर कुमार,अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, सदर 1. पूर्णिया की भी भूमिका संदिग्ध है, उनके द्वारा भी इस घटना के संबंध में न तो कोई पूर्वाभास था और न ही अपने पुलिस पदाधिकारियों पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण है। साथ ही घटना घटित होने के उपरान्त भी पुष्कर कुमार द्वारा कांड में लूटे गये ज्वेलरी की बरामदगी में भी कोई रूचि प्रदर्शित नहीं की गई है, जो खेदजनक है।
शिवदीप लांडे ने आगे लिखा कि इनके कार्य के प्रति उदासीनता, नेतृत्व की अक्षमता एवं संदिग्ध आचरण हेतु क्यों न मुख्यालय को इनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई हेतु अनुशंसा की जाय? अतः निर्देश है कि उक्त कांड की समीक्षा करते हुए उपरोक्त सभी तथ्यों पर स्वयं जाँच कर अपने स्पष्ट मंतव्य के साथ जाँच प्रतिवेदन शीघ्रत्तम अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।