PATNA : भागलपुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष कुमार पाठक की पुलिसिया पिटाई से हुई मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग में कड़ा कदम उठाया है. बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष कुमार पाठक के परिजनों को सात लाख मुआवजा देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. आपको बता दें कि भागलपुर के बिहपुर में पुलिस ने बेकसूर सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष कुमार पाठक की बेरहमी से पिटाई की थी. बाद में उनकी मौत हो गई थी और इस मामले ने तूल पकड़ा था.
यह मामला बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा और आयोग के सदस्य उज्जवल कुमार दुबे के मुताबिक राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि तत्काल मृतक की पत्नी स्नेहा पाठक को सात लाख मुआवजे के तौर पर दिया जाए. इसके लिए आयोग ने 10 फरवरी 2021 तक की समय सीमा निर्धारित की है. आयोग की तरफ से बुधवार को इस संबंध में भागलपुर के डीएम को आदेश जारी कर दिया गया है. हालांकि आयोग में अभी कहा है कि यह राशि सरकार दोषी पुलिसकर्मियों से वसूल सकती है.
यह घटना दुर्गा पूजा के दौरान हुई थी. बीरपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष रंजीत कुमार और वहां के पुलिसकर्मियों की पिटाई से पुणे में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष की मौत की खबर सामने आई थी. आयोग ने इस मामले में स्वत संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू की. आयोग की तरफ से इस मामले में 7 लाख मुआवजा देने का आदेश जारी किया गया है. नवगछिया एसपी की रिपोर्ट से यह बात सामने आई थी कि आशुतोष पाठक के बेकसूर थे और उनके साथ पुलिसकर्मियों ने वर्दी की धौंस में मारपीट की.