प्रयागराज में निषाद जन चेतना रैली में उमड़ी लोगों की भीड़, रैली में बोले मुकेश सहनी..अधिकार मांगना नहीं बल्कि खुद लेना होगा, आरक्षण हम लेकर रहेंगे

प्रयागराज में निषाद जन चेतना रैली में उमड़ी लोगों की भीड़, रैली में बोले मुकेश सहनी..अधिकार मांगना नहीं बल्कि खुद लेना होगा, आरक्षण हम लेकर रहेंगे

DESK: यूपी के प्रयागराज में आज निषाद जन चेतना रैली हुई। विकासशील इंसान के संस्थापक " सन ऑफ मल्लाह" श्री मुकेश सहनी ने निषाद जन चेतना रैली को संबोधित किया। 2022 में होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में निषाद समाज को भागीदारी और आरक्षण दिलाने के लिए हुंकार भरते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि अपना अधिकार लेकर दिखाने का अब समय आ गया हैं। हम अपना अधिकार लेकर ही रहेंगे। मुकेश सहनी ने कहा कि निषादों, दलितों, शोषितों बोलना सीखो, अपने हक के लिए लड़ना सीखो, वरना आनी वाली पीढियां गूंगी हो जाएंगी। मुकेश सहनी ने कहा कि अब तक निषाद समाज को सबने ठगा हैं, झूठे वायदे कर वोट तो ले लिया लेकिन निषाद समाज को कुछ नहीं मिला।


आलोपीबाग प्रयागराज में लाखों की संख्या में निषाद समाज के लोग मौजूद थे। रैली में  बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए वीआईपी संस्थापक एवं बिहार के पशुधन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश साहनी ने कहा  कि हमने 2014 में निषाद आरक्षण आंदोलन के लिए निषाद विकास संघ का गठन कर बिहार में निषाद समाज को जोड़ने जगाने का काम शुरू किया। उत्तर प्रदेश के निषाद समाज को जगाने के लिए 2016 में पूरे प्रदेश में निषाद क्रांति रथ  घुमवाया। 


निषाद राज की जयन्ती पर 11 अप्रैल,2016 को श्रृंगवेरपुर (प्रयागराज) में महाराज गुहराज निषाद जी की 25 फ़ीट ऊँची प्रतिमा लगवाया।विगत 25 जुलाई को उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में वीरांगना फूलन देवी जी की 18-18 फ़ीट ऊँची प्रतिमा उनकी 20वीं पुण्यतिथि लगवाने के लिए भेजा।जिसे उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया के इशारे पर प्रशासन ने लगाने से रोक दिया और प्रतिमाओं को पुलिस में अपने कब्जे में ले लिया।हमने ठान लिया है की हार हाल में हम अपने लक्ष्य को हासिल करेंगे।


सन ऑफ मल्लाह ने कहा कि निषाद, बिन्द, लोधी,कश्यप समाज के पास भेजवाएँगे,5 लाख लॉकेट व 10 लाख कैलेण्डर बंटवाएँगे।कोई राम को मानता है और कोई रहीम को,हम फूलन देवी जी को मानते हैं।हमारी आस्था फूलन जी में है,वहीं हमारी आदर्श हैं। वीआईपी संस्थापक मुकेश सहनी ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण,अधिकार दिलाना व जातिगत जनगणना कराना वीआईपी पार्टी का मुख्य उद्देश्य है।


आरक्षण नहीं तो मिशन 2022 में किसी के साथ गठबंधन नहीं, उत्तरप्रदेश में मौजूदा सरकार क्षेत्रीयता समाप्त कर उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखण्ड के निषाद-मल्लाह,केवट, बिन्द, धीवर,कश्यप,कहार,गोड़िया,तुराहा,माँझी, रैकवार,राजभर,नोनिया आदि को अनुसूचित जाति का आरक्षण दे। मुकेश सहनी ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली का मल्लाह(केवट, माँझी, धीमर,धीवर, कहार, तुरहा, कश्यप,झीवर,झीमर आदि),पश्चिम बंगाल का मल्लाह,केवट, बिन्द, चाईं, तियर,कैवर्ता आदि व उड़ीसा के माँझी, डेवर,धीवर, धीबरा,जलकेउट, कैवर्ता आदि अनुसूचित जाति में हैं।


यही नहीं उत्तर प्रदेश में मझवार,तुरैहा,गोंड़, खैरहा,खोरोट, बेलदार,पनिका आदि अनुसूचित जाति में हैं और इन्ही की पर्यायवाची उपजातियाँ मल्लाह,बिन्द, केवट,धीवर, कहार,रैकवार,माँझी आदि अन्यपिछड़े वर्ग में हैं।उन्होंने कहा कि उत्तर में 16.5% से अधिक निषाद जातियों की आबादी है और फतेहाबाद,बाह, आगरा ग्रामीण,शिकोहाबाद जैसी 169 विधानसभा क्षेत्रों में 40 हजार से 1.20 लाख निषाद मतदाता है।


बालू मोरंग खनन,मत्स्यपालन, मत्स्याखेट व शिकारमाही निषाद मछुआरा जातियों का परम्परागत पुश्तैनी पेशा है। वर्तमान में इनके पुश्तैनी पेशों पर बालू माफियाओं,मत्स्य माफियाओं व नदी माफियाओं के कब्जा हो जाने से निषाद समाज बेकारी व बदहाली की स्थिति में पहुँच गया है।


सहनी ने कहा कि बिहार में हमारी पार्टी के 4 विधायक हैं।वीआईपी राजग की एक मुख्य सहयोगी पार्टी है।हम निषाद आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम  निषाद समाज के अधिकार व सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।निषाद समाज को अपने वोट की ताकत को पहचानने की जरूरत है।हमारी पार्टी 169 सीटों पर मजबूती के साथ लड़ेगी।जरूरत पड़ी तो 403 सीटों पर लड़ाएंगे।


 रैली को संबोधित करते हुए उत्तरप्रदेश के  प्रदेश अध्यक्ष  श्री लौटन राम निषाद जी ने कहा कि उत्तरप्रदेश में 12.91 प्रतिशत निषाद जातियां होने के बाद भी राजनैतिक दल इनको  उनका हक _ अधिकार नहीं दे रहे है, अब हम किसी के झांसे में नहीं आना हैं, और अकेले अपने दम पर चुनावी समर में उतरना हैं। निषाद चेतना रैली को वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि  उत्तरप्रदेश में वीआईपी पार्टी के चुनाव चिन्ह नाव छाप पर हमारे सारी प्रत्याशियों की भारी मतों दी जीत होगी और निषाद समाज के समर्थन के बिना 2022 में उत्तरप्रदेश में सरकार नहीं बन पाएगी।