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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 30 Jul 2023 10:55:42 AM IST
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PAKUR : पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा स्थित लबदा घाटी मिशन स्कूल की छात्रा की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बिना पोस्टमार्टम के शव दफनाने को लेकर लगातार राज्य की विपक्षी पार्टी के नेता और आम जनसमूह भी सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। पुलिस ने अब इन शव को कब्र से बाहर निकाला है। उसके बाद अब अपनी देख-रेख में शव को पोस्टमार्टम के लिए दुमका मेडिकल कॉलेज भेजा है। इसके साथ ही अब इन दोनों लड़कियों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।
दरअसल, 22 जुलाई को लबदा घाटी मिशन स्कूल में पढ़ने वाली तीन नबालिग लड़की मनीषा मालतो, सेविका मालतो और रेबिका मालतो की स्कूल में ही तबीयत बिगड़। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने आनन-फानन में इस बच्चियों को बरहेट थानाक्षेत्र के ज्योति मिशन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान रांगा थानाक्षेत्र के तलझारी पंचायत के बांसकोला गांव की रहने वाली मनीषा मालतो (12 वर्षीय) की मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को उसके पिता मैसा पहाड़िया को सौंप दिया। जिसे उनके परिजन ने अपने गांव में अंतिम संस्कार कर दिया। जबकि 2 बच्ची फिलहाल इलाज चल रहा है।
वहीं, यह पूरा मामला उस समय अधिक गर्म हो गया जब इसको लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट किया। इसके बाद प्रशासन ने शव का पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया। मृतक मनीषा के पिता ने आरोप लगाया कि जब उनकी बेटी का इलाज चल रहा था तब उसे मिलने नही दिया गया और 23 जुलाई को उन्हे बेटी का शव सौंप दिया गया। लड़की के पिता मैसा पहाड़िया सरकार से मामले में उचित जांच और मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
इधर, पहाड़िया नेता सिमोन मालतो ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब बच्ची की मौत हो गई थी और बरहेट थाना प्रभारी और रांगा थाना प्रभारी हॉस्पिटल में मौजूद थे, तो क्यों शव का पोस्टमार्टम नही कराया गया। क्यों उनके परिजन को शव सौप दिया गया। वहीं, मीडिया में इस मामले के सामने आने के बाद शव को जांच के लिए अब फिर से बाहर निकाला गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही छात्रा की मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।