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DARBHANGA : बिहार के दरभंगा जिले के बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां डीएमसीएच के 30-40 अज्ञात जूनियर डॉक्टरों पर बेंता थाने के पुलिस अधिकारी के बयान पर बुधवार को एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन लोगों पर कैदी वार्ड में तैनात पुलिसकर्मी से हाजत की चाबी जबरन छीनकर अंदर बंद मरीज के परिजन की जमकर पिटाई करने का आरोप है। जूनियर डॉक्टरों पर पुलिसकर्मियों के साथ धक्का मुक्की करने का भी आरोप है। कैदी वार्ड में मौजूद पुलिसकर्मियों का बयान दर्ज कर लिया गया है। अब पुलिस घटना की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
दरअसल, इमरजेंसी विभाग में मंगलवार की दोपहर जूनियर डॉक्टरों और मरीज के परिजन के बीच विवाद होने पर वहां जमकर बवाल हुआ था। जख्मी बच्ची का इलाज शुरू होने में देरी होने पर साथ आए युवक पर जूनियर डॉक्टर को थप्पड़ जड़ने का आरोप है। इससे आक्रोशित डॉक्टरों ने उसकी जमकर पिटाई की। काफी मशक्कत से बेंता थाने की पुलिस ने युवक को उनके चंगुल से छुड़ाकर कैदी वार्ड के हाजत में बंद कर दिया।
उसका पीछा करते हुए दर्जनों जूनियर डॉक्टर वहां पहुंच गए। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी से चाबी छीनकर उन लोगों ने हाजत का ताला खोल लिया। इसके बाद उन लोगों ने युवक की जमकर धुनाई की। इतने से भी जब वे संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने इमरजेंसी विभाग में मरीजों का इलाज बंद कर दिया था। इलाज बंद होने से कई मरीजों को वहां से लौटना पड़ा था। काफी मान-मनौव्वल के बाद करीब पांच घंटे बाद दोबारा इलाज शुरू कराया गया जा सका था।
बताया जाता है कि मंगलवार को दिन के करीब 12.30 बजे मोरो थाना क्षेत्र के पटोरी निवासी केशव मिश्रा अपनी जख्मी बहन स्वाति कुमारी को लेकर डीएमसीएच पहुंचे। स्वाति का दाहिना हाथ चारा काटने वाली मशीन की चपेट में आकर बुरी तरह जख्मी हो गया था। बहन की गंभीर स्थिति देख केशव मिश्रा परीक्षण कक्ष से डॉक्टर कक्ष में चले गए और जूनियर डॉक्टर पर जल्द उपचार का दबाव देने लगे। इसी बात को लेकर तू-तू, मैं-मैं होने लगी। देखते ही देखते वह हाथापाई और मारपीट में बदल गई।
स्थिति को गंभीर होते देख इमरजेंसी विभाग में तैनात सुरक्षा गार्डों एवं बेंता थाना के कैदी वार्ड में मौजूद पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। परिजन को वहां से निकलकर उसे कैदी वार्ड के हाजत में बंद कर दिया। हाजत में बंद परिजन को बाहर निकालकर उसकी जमकर पिटाई की। इमरजेंसी विभाग में इलाज ठप होने की सूचना मिलने पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा, डीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डा.यूसी झा, निश्चेतना विभाग के अध्यक्ष डॉ. हरि दामोदर सिंह आदि वहां पहुंचे।
सदर एसडीपीओ अमित कुमार भी वहां पहुंचे जूनियर डॉक्टरों से वार्ता के बाद शाम 5.45 बजे इमरजेंसी विभाग में इलाज शुरू कराया गया। डीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक, डॉ. यूसी झा ने कहा कि मरीज के परिजन ने जूनियर डॉक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार किया था। इस वजह से इलाज प्रभावित हो गया था। अब स्थिति सामान्य है।