PATNA : पटना हाईकोर्ट ने 20 साल से रुका हुआ एक पुलिसकर्मी के प्रमोशन के मामले में जवाबी हलफनामा दायर नहीं करने पर राज्य सरकार पर 10 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. न्यायाधीश पी बी बैजंत्री ने रमाकांत राम की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया. एकलपीठ ने 18 नवंबर को डीजीपी सह विभागीय प्रति कमेटी के अध्यक्ष को हलफनामा दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था.
बता दें कोर्ट ने हलफनामा दायर कर स्पष्टीकरण मांगा था कि 23 सितंबर 1998 के समय से सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर के पद पर प्रोमोट हुए याचिकाकर्ता 26 सितंबर 1995 के प्रभाव से प्रमोशन के योग्य थे कि नहीं. एकलपीठ ने डीजीपी बिहार को यह भी जवाब मांगा था कि अगर याचिकाकर्ता का प्राति नहीं दी तो का हलफनामा दायर करने के लिए एक का समय दिया इसकी वजह क्या थी.
याचिकाकर्ता ने 11 दिसंबर 1998 को पटना हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर कहा था कि वह 26 सितंबर 1995 के प्रभाव से प्रमोशन के योग्य है. इस समय से अनुसूचित जाति में आने वाले इसके जूनियरों की प्राति दी गई थी, जबकि याचिकाकर्ता को तीन साल के देरी के बाद प्रमोशन दी गई थी. याचिकाकर्ता बिहार के बंटवारे के बाद झारखंड कैडर का चुनाव किया था और इस तरह से याचिकाकर्ता झारखंड पुलिस का अधिकारी हो गया था.