Biskoman Election : SSP गेट के सामने बिस्कोमान चुनाव को लेकर दो गुटों में भिड़ंत, सुनील सिंह और विशाल सिंह के समर्थकों के बीच हुई हाथापाई Bihar Police : फर्जी जॉइनिंग लेटर दिलाने वाला दारोगा पर FIR, डिलीवरी बॉय से वसूलें थे लाखों रुपए Road Accident in Bihar : बालू लदे ट्रक में आग लगने से ड्राइवर और खलासी की दर्दनाक मौत, इलाके में हडकंप School Uniform : स्कूलों में अब होगी एक जैसी ड्रेस, शिक्षा विभाग ने तय किया ये रंग तय; जारी हुआ नया आदेश Railway Claim Scam : रेलवे क्लेम घोटाले में बिहार के 3 वकील गिरफ्तार, रिमांड पर लेगी ईडी Mokama Firing : मोकामा फायरिंग केस मामले में सोनू सिंह और रौशन हुए अरेस्ट, मुंशी के घर ताला लगाने का है आरोप mokama firing : 'तुम्हें धरती पर बचाने वाला कोई भी नहीं ... ', मुंशी मुकेश ने सोनू-मोनू गैंग पर लगाया धमकाने का आरोप,कहा - पुलिस प्रसाशन भी कर रही अनदेखी Bihar Politics: PM मोदी का फरवरी में बिहार दौरा, 24 को आएंगे भागलपुर; किसानों को देंगे कई सौगात Bihar Politics: सोनू-मोनू गैंग का आतंक ! सुबह-सुबह फिर चली गोली, अब मुंशी मुकेश के घर पर हुई गोलीबारी; इलाके में हड़कंप ओडिशा के कारोबारी का बिहार में अपहरण, नवादा अपने ससुराल आया हुआ था
07-Nov-2020 06:04 AM
PATNA : बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में दवा खरीद को लेकर हुई गड़बड़ी के मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पीएमसीएच के तत्कालीन अधीक्षक रहे ओपी चौधरी समेत पांच लोगों की चल अचल संपत्ति ज़ब्त कर ली है। ईडी की इस कार्रवाई के रडार में 5 लोग आए हैं जिनकी ईडी ने 3 करोड़ 14 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति जप्त की गई है। ईडी की इस कार्रवाई में पटना, गाजियाबाद, पुणे, बेंगलुरु में 9 फ्लैट को जब्त किए जाने की कार्रवाई शामिल है।
ओपी चौधरी पीएमसीएच के चर्चित अधीक्षक रहे हैं और जेडीयू के एक नेता के यह करीबी भी हैं। ओपी चौधरी को लेकर बिहार में विपक्ष कई तरह के सवाल उठाते रहा है और दवा घोटाला मामले में अब उनके ऊपर शिकंजा कस गया है। ईडी की कार्रवाई में 25 लाख 86 हजार से ज्यादा की 3 गाड़ियां अलग-अलग बैंक खातों में जमा 28 लाख से ज्यादा रुपए भी बरामद किए गए हैं। करीब 12 करोड़ रुपए का यह दवा घोटाला साल 2008 से 2010 के बीच हुआ था। इसमें पीएमसीएच के अंदर दवा, मेडिकल इक्विपमेंट और केमिकल की खरीद में गड़बड़ी हुई थी। इस मामले में तत्कालीन अधीक्षक ओम प्रकाश चौधरी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर ईडी ने जांच शुरू की थी।
तत्कालीन अधीक्षक ओपी चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने सप्लायरों के साथ मिलीभगत कर उनके नाम में दवा केमिकल और मेडिकल इक्विपमेंट की खरीद की। ओपी चौधरी के अलावे तत्कालीन उपाधीक्षक गणेश प्रसाद, फैकल्टी हेड और दो अन्य लोगों पर भी ईडी ने कार्रवाई की है। इस मामले में निर्णायक मोड़ तब आया था जब साल 2013 में पटना हाईकोर्ट के अंदर एक याचिका दायर की गई और पीएमसीएच में दवा घोटाले की जांच से एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। साल 2015 में आरोप पत्र दायर किया गया।