PATNA : जातीय जनगणना का मुद्दा लगातार गर्म है. जातिगत जनगणना को लेकर बिहार की सियासत चरम पर है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से इस मुद्दे को मीडिया के सामने उठाया है. तेजस्वी ने कहा कि अगर उनके पिता लालू प्रसाद यादव सड़क पर नहीं आते तो जातिगत जनगणना की मांग सफल नहीं होती. आरजेडी की कोशिश है कि समाज में पिछड़ों, शोषितों, वंचितों और गरीबों को उनका हक मिले.
पार्टी कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने पीएम मोदी से दिल्ली में जातिगत जनगणना को लेकर बातचीत की. केंद्र सरकार की ओर से कोई भी जवाब नहीं मिला है. इसलिए हम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रिमाइंडर भेजेंगे. केंद्र सरकार बताए क्या करना है. अगर नहीं करनी है तो बिहार सरकार अपने खर्च पर राज्य में जातिगत जनगणना कराये.
तेजस्वी ने ये भी कहा कि केंद्रीय मंत्री ने पार्लियामेंट में कहा था कि जातिगत जनगणना नहीं होगी. इसलिए हम एकजुट हुए और प्रधानमंत्री से जाकर मुलाकात की. अब पूरे देश में आंदोलन होगा. कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जातिगत जनगणना कराने को लेकर एक कमिटी बनाई है. हम देश के सभी नेताओं से दल बात करेंगे और सभी से संपर्क करेंगे. इसको लेकर एक सर्वसमति से माहौल बनाएंगे. तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोग इसे जातपात की राजनीति बताते हैं. लेकिन ये समझना होगा कि जब धर्म की गिनती हो रही तो जाति की गिनती क्यों नहीं. जनगणना से फायदा होगा. विकास की योजना बनाने में सरकार को मदद मिलेगी. हमलोगों की ये लड़ाई जारी रहेगी.
शिक्षक दिवस पर आरजेडी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राजद समाचार पत्रिका का विमोचन करते हुए तेजस्वी ने कहा कि आज हम शहादत दिवस के रूप में जगदेव बाबू की पुण्यतिथि मनाते हैं. जगदेव बाबू ने कहा था पहली पीढ़ी गोली खाएगी, दूसरी पीढ़ी जेल जाएगी और तीसरी पीढ़ी राज करेगी. जगदेव बाबू के बारे में नई पीढ़ी को जानने की जरूरत है. राजद समाचार पत्रिका में इसका जिक्र किया गया है.
तेजस्वी ने कहा कि विश्वविद्यालय से महापुरुषों का जिक्र पाठ्यक्रम से हटाया गया. जयप्रकाश नारायण के विषय को हटाया गया. ये सरकार संघी हो गई है. सरकार गोवलकर के रास्ते पर सरकार चल रही है. आरएसएस के लोग किस विचारधारा के लोग हैं, ये बात किसी से छुपी नहीं है. उसी विचारधारा के खिलाफ हम लड़ाई लड़ रहे हैं.
बिहार में शिक्षा की क्या स्थिति है. शिक्षकों की क्या स्थिति है. नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था बर्बाद कर दिया. एक परीक्षा ढंग से नहीं हो रही. शिक्षक परेशान हैं लेकिन सरकार मनमानी कर रही. सरकार का इंटरेस्ट एजुकेशन क्वालिटी सुधारने में क्यों नहीं. पद क्यों खाली हैं. शिक्षा का स्तर बिहार में सबसे ज्यादा खराब है. यहां अफसरशाही हावी है. यहां परीक्षा में साउथ की हिरोइन पास कर जाती है.
तेजस्वी ने कहा कि आज किसान तबाह और परेशान हैं. सड़को पर अधिकार के लिए लड़ रहे हैं. तानाशाही सरकार किसानों की बात दुख तकलीफ नहीं सुन रही है. आज किसान महापंचायत कर रहे हैं. लेकिन सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है. इसका मतलब ये है कि जरूर दाल में कुछ काला है.