कर्म के साथ धर्म : पटना एसएसपी भी कर रहे छठ, दूसरे आईपीएस भी महापर्व में शामिल

कर्म के साथ धर्म : पटना एसएसपी भी कर रहे छठ, दूसरे आईपीएस भी महापर्व में शामिल

PATNA : बिहार में छठ सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. यह महापर्व अच्छे से संपन्न हो जाए, इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन पर होती है. पटना के कई ऐसे अधिकारी और पुलिस वाले हैं जो खुद छठ करता हैं. व्रत के दौरान उनपर विधि-व्यवस्था बनाये रखने की बड़ी जिम्मेदारी होती है. खुद पटना के पुलिस कप्तान एसएसपी उपेंद्र शर्मा छठ करते हुए इस जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं. उन्होंने इस साल भी छठ किया है. छठ के अनुष्ठान करने में उन्होंने इसबार पत्नी आकांक्षा की मदद ली. उनकी पत्नी ने इस साल छठ नहीं किया है. 2020 में दोनों ने छठ किया था. 


पटना एसएसपी उपेंद्र ने खुद से ही चूल्हा बनाया था. सोमवार को नहाय-खाय के दिन अपने सरकारी आवास पर पत्नी की मदद से चने की दाल, कद्दू की सब्जी और चावल बनाया और खाया. मंगलवार को खरना प्रसाद के लिए रोटी और खीर बनाया. पूजा करने और प्रसाद खाने के बाद 36 घंटे के लिए निराहार और निर्जला व्रत रखा. पिछले दो साल से उपेंद्र शर्मा छठ कर रहे हैं. 


पटना एसएसपी ने बताया कि मोतिहारी में जब वे एसपी थे तो वहां आवास के पास ही तालाब था. लोग छठ करने के लिए उसी तालाब पर आते थे. छठ व्रतियों को देखकर उन्होंने भी छठ करना शुरू कर दिया. पत्नी को पटना से मोतिहारी बुला लिए और फिर दोनों ने एक साथ पहली बार मोतिहारी में छठ किया. पटना में बतौर एसएसपी यह उनका दूसरा छठ है. उन्होंने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आगे भी लोकास्था का महापर्व छठ करता रहूं. उन्होंने बताया कि ड्यूटी तो हर दिन करनी है. साल में एक बार यही एक मौका आता है. 


इधर नक्सल एरिया में नक्सलियों से मुकाबला करने वाले लखीसराय के एएसपी ऑपरेशन अमृतेश कुमार ने पहली बार छठ किया है. अमृतेश ने बताया कि उन्होंने आवास में ही नहाय-खाय किया. चूल्हा मैंने बनाया था. नहाय-खाय का प्रसाद पत्नी ने बनाया. मैंने इसमें मदद कर दी थी. उन्होंने कहा, यह एक ऐसा महापर्व है जो पूरी तरह आध्यात्मिक है. सामाजिक समरसता का महापर्व है. इस वजह से मैंने इसबार छठ करने का मन बना लिया. 


अमृतेश ने बताया कि पत्नी ने खरना का प्रसाद बनाया. आंटा मैंने गुंदा था. रोटी और खीर पत्नी ने बनाया पर मैं भी इसमें शामिल रहा. खरना प्रसाद खाने से पहले पूजा-अचन की और फिर 36 घंटे के लिए निराहार और निर्जला व्रत रखा. उन्होंने कहा कि खरना प्रसाद खाने के बाद ड्यूटी पर निकल गया. बुधवार और गुरुवार को भी ड्यूटी करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि छठ हर साल करूं, इससे मुझे आत्म संतुष्टि मिल रही है.