PATNA: बिहार में जंगलराज की वापसी के आरोपों को बल मिलता दिख रहा है. राजधानी पटना में राजद के एक पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के बेटे ने थाने में घुसकर डीएसपी से बदतमीजी की. अनवर अहमद का बेटा अशफर अहमद निवर्तमान वार्ड सदस्य है. अशफर अहमद ने थाने में घुसकर डीएसपी को गालियां दी, अभियुक्त को छुड़ाने की कोशिश की. चर्चा ये भी है कि डीएसपी के कपड़े तक फाड़ दिये गये. इसके बाद पुलिस का हाल ये है कि अभियुक्त को गिरफ्तार करने का हौंसला नहीं जुटा पा रही है.
बता दें कि कल पीरबहोर इलाके में पुलिस को देखकर भाग रहे चार युवकों को पुलिस ने खदेड़ा था. पुलिस ने उनमें से दो को पकड़ लिया था. बाद में स्थानीय गुंडों ने पुलिस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था. असमाजिक तत्वों की पिटाई से पुलिस का एक सिपाही बुरी तरह जख्मी हो गया था. पुलिस ने हमलावरों में से एक को पुलिस ने पकड़ लिया था. गुरूवार की रात ही 40-50 लोग थाने में घुस आये थे और पुलिस की पकड़ में आये व्यक्ति को छोड़ने का दबाव बना रहे थे. पुलिस ने जैसे-तैसे उनका मान-मनौव्वल कर उन्हें छोड़ा.
राजद का पूर्व MLC बेटे के साथ थाने में घुसा
गुरूवार की रात हुई इस घटना के बाद शुक्रवार को पुलिस के आलाधिकारी पीरबहोर थाने पहुंचे. डीएसपी अशोक सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, जहां गुरूवार की रात पुलिसकर्मियों की पिटाई की गयी थी. इसी क्रम में पुलिस ने एक दुकानदार को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया. दुकानदार को लेकर डीएसपी पीरबहोर थाने में चले आये.
डीएसपी के थाने पहुंचने के बाद कुछ देर बाद ही राजद के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद और उनके बेटे अशफर अहमद लोगों की जमात के साथ थाने में घुस गया. उसके बाद उसने थाने में गुंडई की हद कर दी. पीरबहोर के थानेदार ने इस संबंध में मीडिया को बताया
“जैसे ही पुलिस दुकानदार को लेकर थाने में आयी, अशफर अहमद अपने आदमियों के साथ थाने में पहुंच गये. अशफर अहमद ने डीएसपी से पूछा कि दुकानदार को थाने में क्यों लाया गया है. पुलिस ने जानकारी दी कि उसे पूछताछ के लिए लाया गया है और पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया जायेगा.”
पीरबहोर थाने के थानेदार ने बताया कि अशफर अहमद ने दबाव बनाना शुरू कर दिया कि दुकानदार को अभी छोड़ना पड़ेगा. थानेदार के मुताबिक अशफर अहमद ने मर्यादा की सीमायें लांघ दी. थानेदार ने बताया कि थाना परिसर और थाने के भवन के अंदर डीएसपी साहब के साथ दुर्व्यवहार किया. अशफर अहमद ने ढेर सारी गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने ऐसी ऐसी गंदी बातें कहीं, जो कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है.
थानेदार ने खुलकर ये नहीं बताया कि डीएसपी के कपड़े तक फाड़ दिये गये. प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं कि अशफर अहमद ने डीएसपी के कपड़े फाड़ दिये. थानेदार ने बताया कि अशफर अहमद को काफी देर तक समझाने बुझाने की कोशिश की गयी लेकिन वे नहीं माने. ऐसे में उन्हें रोका गया है. वरीय पुलिस पदाधिकारियों से बात कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
यानि थाने में घुसकर डीएसपी पर हमला करने, गाली-गलौज करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने में भी पुलिस के हाथ पैर कांप रहे हैं. नौकरी के लिए प्रदर्शन करने वालों को बीच चौराहे पर बर्बरता से पीटने वाली पुलिस ये मान रही है कि अशफर अहमद ने थाने में घुसकर डीएसपी से गाली-गलौज और हाथापाई कर दी. लेकिन उसे गिरफ्तार करने की हिम्मत पुलिस नहीं जुटा पा रही है.