PATNA : नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार की तरफ से आयोग को भेजे गए पत्र के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत की. बिहार के विकास के संबंध में नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट को लेकर सरकार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी है . पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार का सबसे पीछे होने का कारण यह है कि इसका का क्षेत्रफल देश के अन्य राज्यों में 12वें नंबर पर है और आबादी में पूरे देश में तीसरे नंबर पर है. इसके साथ ही इस मामले में कुछ दिन में यह दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा. नीति आयोग की रिपोर्ट में हम सबसे पीछे हैं इसलिए हमने एक रिपोर्ट भेजी है ताकि और विकास हो सके.
सीएम ने यह भी कहा 2005 के बाद से हम बिहार के विकास के लिए बहुत काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2004-05 में बजट 23,875 करोड़ था और 2021-22 में राज्य सरकार का बजट 2,18,000 करोड़ का है. 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय 7 हजार 914 रुपए और 2019-20 तक ये बढ़कर प्रति व्यक्ति आय 50 हजार 735 रु. हो गया है. जनता दरबार में लोगों की फ़रियाद सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मीडिया से मुखातिब हुए और इस दौरान ही उन्होंने ये बातें कही. इस दौरान सीएम ने एक बार फिर विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठा दी है. उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के बिना देश का विकास कैसे हो सकता है.
आपको बता दें कि नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में बिहार विकास के मामले में निचले पायदान पर है. इसको लेकर विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधा था. वहीं सरकार के तरफ से इस संबंध में आयोग को पत्र लिखकर रिपोर्ट तैयार करने के आधार पर गौर करने के लिए सुझाव दिया गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार पीछे है. सीएम ने कहा कि नीति आयोग के रिपोर्ट के आधार पर ही हम विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं.