PATNA : पटना के चारों तरफ नदियां लाल निशान को पार कर गई हैं। अभी पटना शहर हर तरफ से हाई अलर्ट पर है। उत्तर में गंगा, पश्चिम में सोन और दक्षिण-पूर्व में पुनपुन नदी उफान पर है। सोन नद के साथ गंगा और पुनपुन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिससे आस-पास के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पानी घुस गया है। हालांकि, रविवार तक इन नदियों का सुरक्षा तटबंध सुरक्षित था, लेकिन जिस रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है उससे सुरक्षा बांधों पर भी खतरा मंडराने लगा है।
पटना जिले में गंगा उफान पर है। गंगा का जलस्तर दीघा घाट, गांधी घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। रविवार को सबसे खतरनाक स्थिति गांधी घाट रही। यहां गंगा का जलस्तर 49.39 मीटर तक पहुंच गया। गांधी घाट पर लाल निशान का स्तर 48.60 मीटर है। यानी खतरे के निशन से करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर पानी बह रहा है।
वर्ष 2016 में 21 अगस्त को गांधी घाट पर अधिकतम जल स्तर 50.52 मीटर मापा गया था। तब शहर में पानी प्रवेश कर गया था। दीघा में गंगा का जलस्तर 19 व हाथीदह में 78 सेंटीमीटर ऊपर है। इधर, श्रीपालपुर में रविवार को पुनपुन खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर और कोइलवर में सोन खतरे के निशान से 5 सेंटीमीटर ऊपर रहा।
रविवार को दीघा घाट पर सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर लाल निशान से 7 सेंटीमीटर ऊपर था। वहीं सोमवार को सुबह आठ बजे तक इसमें 12 सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना है। यानी दीघा घाट पर गंगा जलस्तर खतरे के निशान से 19 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच जाएगा। दीघा में गंगा उफान पर होने से बिंद टोली में पानी घुस गया है। बिंद टोली के लोगों का अशोक राजपथ से संपर्क टूट गया है। दीघा में अधिकतम जलस्तर 23 अगस्त 1975 में 52.52 मीटर मापा गया था।
उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसी व्यवस्था रखें कि मानसून के दौरान तेज बारिश की स्थिति में जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो। शहर के सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन को पूरी तरह से क्रियाशील रखें। जलजमाव की स्थिति में तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करायें, ताकि शहरवासियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।