मोस्ट वांटेड रवि गोप कर रहा था कबाड़ का धंधा, नागपुर में नाम बदल कर रह रहा था

मोस्ट वांटेड रवि गोप कर रहा था कबाड़ का धंधा, नागपुर में नाम बदल कर रह रहा था

PATNA : मोस्ट वांटेड क्रिमिनल रवि गोप को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। रवि गोप पटना का कुख्यात अपराधी रहा है और उसकी गिरफ्तारी नागपुर से हुई है। रवि गोप नागपुर में अपनी पहचान बदलकर स्क्रैप का कारोबार कर रहा था। उसने अपना नाम आलोक कुमार कर लिया था, हालांकि बिहार एसटीएफ ने उसे धर दबोचने में सफलता हासिल की है। रवि गोप की गिरफ्तारी महाराष्ट्र के नागपुर स्थित सोनेगांव के पौनापुरी इलाके से हुई है। रवि गोप के ऊपर 50000 रुपए का इनाम है। 


रवि गोप पर तकरीबन डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं। 16 से अधिक मामले पटना में दर्ज हैं, जिसमें लूट, हत्या और रंगदारी के मुकेश शामिल हैं। गुरुवार की रात एसटीएफ रवि गोप को नागपुर से लेकर पटना पहुंची और उसे कदमकुआं थाने की पुलिस के हवाले कर दिया। रवि गोप की गिरफ्तारी के ऑपरेशन को एसटीएफ ने बेहद गोपनीय रखा था। केवल डीएसपी स्तर के कुछ अधिकारी और जवानों को ही उसके बारे में जानकारी थी। इस पूरे ऑपरेशन का नाम 'आर-1' रखा गया। R मतलब रवि और 1 का मतलब था पहले नंबर का मोस्टवांटेड अपराधी। मंगलवार को एसटीएफ की 15 मेंबर की टीम ने विशेष कमांडो के साथ उस मकान को घेर रखा था जहां रवि अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। हालांकि रवि उस दिन बाहर नहीं निकला। इसके बाद बुधवार को रवि गोप जब अपने घर से निकला तो उसे धर दबोचा गया। 


रवि गोप ने अपनी पहचान बदल ली थी। नागपुर में वह आलोक कुमार बन गया था। वहां उसने खुद के बारे में किसी को भनक तक नहीं लगने दी थी। पटना से आने वाली रंगदारी की रकम से वह आलोक कुमार के नाम से नागपुर में स्क्रैप और केबल का व्यवसाय करता था। रवि गोप के कई बैंक खातों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है। सभी खातों की विस्तृत जानकारी निकाली जा रही है। रवि ने नागपुर में दो जगहों पर मकान बनवा रखा है। एसटीएफ की जांच में यह बात सामने आयी है कि वह पटना आता था तो उसके आने की भनक किसी को नहीं लगती थी और घटना को अंजाम देने के बाद चला जाता था।