PATNA : सीतामढ़ी जिले में सिंहवाहिनी पंचायत के मुखिया पद का चुनाव पूर्व आईएएस अरुण कुमार चौधरी जीत गए हैं। वह इसी पंचायत की पूर्व मुखिया रितु जायसवाल के पति हैं। पति के मुखिया बनने पर रितु जायसवाल ने बेहद ही भावुक ट्वीट किया है।
रितु जायसवाल ने लिखा है- अरुण, मेरी सिंहवाहिनी का ध्यान रखना। इस मिट्टी को मैंने अपने खून पसीने से सींचा है। जनता ने 2500 वोट से जीतवा कर आपको जो सम्मान और विश्वास दिया है उसका मान बनाये रखना। कांटो से भरे रास्तों पर चलते हुए इस धरती को मैंने भ्रष्टाचार और अपराध की आंच से बचाये रखने का हर सम्भव प्रयास किया है। ये रास्ता बड़ा कठिन है पर उस प्रयास को और बल देना, इस पवित्र धरती पर कभी आंच नहीं आने देना। शुभकामनाएं!
आगे के ट्वीट में रितु ने अपने पंचायत के लोगों को संदेश दिया है. उन्होंने लिखा है कि मेरे प्रिय पंचायतवासियों, हाल के दिनों में मेरे जीवन में मानवता की सेवा के दायरे का विस्तार हुआ है। बढ़ते अपराध और अराजकता के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़नी है। पर मैं सदा आपके साथ, आपके पास रहूँगी। समस्याओं और आपके बीच आपकी ये मुखिया दीदी ढाल बन कर पहले की तरह ही मज़बूती से खरी रहेगी। मैंने कभी भी किसी भी पंचायतवासी को अपना विरोधी नहीं माना।
आप सब मेरे परिवार हैं, आपका साथ ही मेरी शक्ति है। जब तक जीवन है तब तक आपकी ऋणी रहूँगी। मुझ से कुछ गलतियां भी हुई होंगी उसके लिए मुझे क्षमा करना। आप सब को हृदय से प्रणाम! मुखिया के रूप में मेरा कार्यकाल अब समाप्त हुआ।
बताते चलें कि रितु जायसवाल राजद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ीं थी किन्तु बहुत कम वोटों के मार्जिन से चुनाव हार गईं थी। सम्प्रति वह राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश प्रवक्ता हैं। पंचायत चुनाव के दसवें चरण में हुए सिंहवाहिनी पंचायत के चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी को 2500 से अधिक वोटों से हराया।
बता दें कि 8 दिसंबर को पंचायत में सरकार बनाने को लेकर 10वें चरण का मतदान हुआ था। लेकिन मतदान से पहले ही मुखिया फेम रितु जायसवाल और उनके पति विवादों में आ गए थे। रितु जायसवाल और उनके पति अरुण कुमार पर सोनबरसा प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मारपीट करने, दो हजार रुपए छीनने सहित सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया था।
जिसके बाद रितु जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की थी। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद बीडीओ को चुनाव तक जिले से बाहर सरकारी छुट्टी पर भेजने का निर्देश दिया गया था।